आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूसा मेला मैदान में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत तेजी के साथ लिक्विड नैनो यूरिया की ओर बढ़ रहा है। नैनो यूरिया किसानों को कम खर्च में अधिक पैदावार करने में मदद करेगा। पहले किसान यूरिया की बोरी खरीदते थे जो अब सिर्फ एक बोतल लिक्विड नेनौ यूरिया से ही हो जाएगा।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को सबसे अधिक आयात होने वाली चीजों में उर्वरक प्रमुख है। इनको खरीदने के लिए हर वर्ष लाखों करोड़ खर्च करने पड़ते हैं। अब तकनीक के माध्यम से यह तमाम चीजें हम खुद बना रहे हैं।
क्या है नैनो यूरिया
हर साल खाद की फसल के सीजन में खाद की बढ़ती किल्लत और कालाबाजारी को देखते हुए IFFCO ने यूरिया का लिक्विड फॉर्म विकसित किया है। इसके निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2021 में गुजरात के कलोल में नैनो यूरिया के पहले प्लांट का उद्घाटन किया था। इसकी कुल लागत 175 करोड़ थी। इस प्लांट से हर साल 500 मिलीलीटर की लगभग डेढ़ लाख से अधिक बोतल का उत्पादन होगा। एक बोतल में लगभग 40,000 PPM नाइट्रोजन की मात्रा रहेगी जो लगभग 1 बोरी यूरिया के बराबर होगा। करोल प्लांट में नैनो यूरिया के उत्पादन से देश में फसलों के सीजन में खाद की किल्लत को दूर होने की संभावना है। नैनो यूरिया का पूरे देश में 90 से अधिक फसलों पर परीक्षण किया गया था। जानकारों का मानना है कि नैनो यूरिया के बाजार में पारंपरिक होने के बाद सामान्य यूरिया की खपत आधी से भी कम होने की संभावना है।
छिड़काव और ढुलाई में आसानी
किसान अक्सर फसलों के वृद्धि और उनमें नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिए यूरिया का इस्तेमाल करते हैं। बाजार में वर्तमान में उपलब्ध यूरिया ठोस रूप में उपलब्ध है जो बंद बोरी में आता है। किसान को बाजार से खेत तक तक इसकी ढुलाई में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उसके बाद उसे खेतों में डालने में भी काफी दिक्कतें होती है। नेनो यूरिया लिक्विड फॉर्म में उपलब्ध है। इसे आसानी से पानी के साथ मिलाकर खेत में छिड़काव किया जा सकता है। इसके साथ ही इसे मशीन और ड्रोन के माध्यम से भी खेतों में छिड़क सकते हैं।
कैसे करेगा काम
2-4 मिलीमीटर नैनो यूरिया लिक्विड को एक लीटर पानी में मिलाकर एक फसल में दो बार छिड़काव करना है। जब नैनो यूरिया का छिड़काव पत्तियों पर होगा तो उसमें मौजूद नाइट्रोजन को पत्तियां सोख लेंगी जिसके कारण माना जा रहा है कि यह अभी बाजार में मौजूद यूरिया से अधिक फायदेमंद है। इसके साथ ही यह बाजार में अभी उपलब्ध यूरिया से सस्ती भी होगी। अभी 50 किलो के यूरिया के पैकेट का दाम लगभग 270 रुपये है जबकि 500 मिलीलीटर नेनौ यूरिया की बोतल 240 रुपये में उपलब्ध हो जाएगी।