त्योहारी सत्र शुरू हो चुका है, इसलिए सरकार ने अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी है और कहा है कि अगले तीन महीने कोविड-19 के खिलाफ जंग में महत्त्वपूर्ण हैं। लोगों द्वारा नवरात्रि और दशहरे से लेकर दीवाली और क्रिसमस तक त्योहार मनाने के लिए तैयार होने की वजह से स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेताया है कि कोविड के दोबारा बढऩे का खतरा अब भी मौजूद है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा ‘अगर हम सावधान नहीं रहते हैं, तो यह वैश्विक महामारी प्रतिकूल रुख धारण कर सकती है। अगले तीन महीने तक हमें चौकन्ना रहना है।’
स्वास्थ्य मंत्रालय ने रूस और नीदरलैंड सहित उन देशों का उदाहरण दिया है, जहां कुछ सार्वजनिक कार्यक्रमों में बड़े स्तर पर लोगों के एकत्रित होने के बाद कोविड के मामलों में तेजी देखी गई थी।
देश की लगभग 71 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड टीके की पहली खुराक मिली चुकी है, जबकि 27 प्रतिशत लोगों को दोनों टीके लग चुके हैं। झारखंड, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, नगालैंड और मेघालय सहित देश के पांच राज्य अब भी पहली खुराक के 60 प्रतिशत से कम दायरे के साथ पिछड़ रहे हैं।
पॉल ने कहा कि हमारे जैसे आकार वाले देश में कवरेज असमान है। राज्य सरकारें अपनी कोशिशें कर रही हैं। आपूर्ति की समस्याएं देखी जा रही हैं। कुछ समय बाद सभी राज्यों में अच्छी कवरेज होगी।
पॉल ने यह भी कहा कि अब देश में टीकों की उपलब्धता के संबंध में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड के लिए जाइडस का टीका लगाने के वास्ते प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिसे सुई के बजाय ऐप्लिकेटर के जरिये दिया जाता है। पॉल ने कहा ‘यह ऐसा पहली बार है कि देश में इस ऐप्लिकेटर का उपयोग किया जाएगा। हम मास्टर प्रशिक्षक तैयार कर रहे हैं। लॉजिस्टिक्सकी दिक्कतों को हल किया जा रहा है और जल्द ही यह टीका हमारे टीकाकरण का हिस्सा होगा।’
उन्होंने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन भारत के टीकाकरण का मुख्य आधार हैं, स्पूतनिक पेश किया ही जा रहा है। पॉल ने कहा, ‘चूंकि रूस में महामारी प्रबल हो रही है, इसलिए आपूर्ति में देरी हो गई थी, लेकिन प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण और उत्पादन योजना के अनुसार ही चल रहा है।’
उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि भविष्य में संभावित उछाल और इसके चरम की भविष्यवाणी करने के लिए कोई फॉर्मूला नहीं, लेकिन 4,50,000 से लेकर 5,00,000 तक की उछाल को संभालने के लिए देश मुस्तैद है।
पॉल ने कहा ‘टीकाकरण के साथ भी मामले आ रहे हैं, हालांकि हम जानते हैं कि टीके प्रसार को कम कर देते हैं। हम हालात और विज्ञान पर ध्यान दे रहे हैं। हमारी तैयारी इसलिए है ताकि हम सुरक्षित अनुभव कर सकें। हमें यह सुनिश्चित करना है कि कोई उछाल न हो।’
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हालांकि देश भर में कुल संक्रमण दर राहत प्रदान कर रही है, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में ऐसे जिले हैं, जो अधिक संक्रमण के मामलों की सूचना दे रहे हैं। देश में 34 जिले 10 प्रतिशत से अधिक की साप्ताहिक संक्रमण दर की सूचना दे रहे हैं, जबकि 28 जिलों में पांच से 10 प्रतिशत के बीच की साप्ताहिक संक्रमण दर देखी जा रही है।