देश में दो साल या 715 दिन बाद कोविड-19 के नए मामलों की संख्या 1,000 से नीचे चली गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि निकट भविष्य में मामलों में तेजी से बढ़ोतरी होने और लहर आने के आसार नहीं हैं तथा लगता है कि महामारी खत्म हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटों के दौरान 913 मामले दर्ज किए गए हैं। देश में 715 दिन बाद पहली बार 1,000 से कम मामले आए हैं। देश में 18 अप्रैल 2020 को कोविड के 991 नए मामले आए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 714 दिन यानी अप्रैल 2020 के बाद सक्रिय मामले 13,000 से कम हो गए हैं।
देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 10 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में दो साल पहले महामारी शुरू होने के बाद पहली बार पिछले पखवाड़े में सबसे कम दैनिक मामले आए हैं। उदाहरण के लिए महाराष्ट्र में 31 मार्च 2020 के बाद पहली बार 19 मार्च 2022 को 100 से कम मामले आए। अन्य राज्यों ने भी अक्टूबर और नवंबर 2021 में कम मामले दर्ज किए थे। उस समय देश भर में कोविड के मामले घटे थे।
आंकड़ों का विश्लेषण दर्शाता है कि भारत में दैनिक मामले पड़ोसी देशों से कम हैं। भूटान में 3 अप्रैल को 1,308 मामले आए, जबकि भारत में दैनिक मामले केवल 913 रहे। एशिया में कुल दैनिक संक्रमण मामलों में भारत का हिस्सा 0.22 फीसदी है, जो दो साल में सबसे कम रहा। जब दूसरी लहर अपने चरम पर थी, उस समय एशिया के 80 फीसदी मामले भारत में ही आ रहे थे।
सीएमसी वेलूर में क्लिनिकल विषाणु विज्ञान एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के प्रमुख रह चुके टी जैकब जॉन जैसे विशेषज्ञों ने कहा, ‘महामारी खत्म हो चुकी है। अब हम स्थानिक (एंडेमिक) चरण में हैं। वैश्विक आबादी और भारत में रोग प्रतिरोधी स्तर हाइब्रिड प्रतिरक्षा (टीकाकरण और संक्रमण) के जरिये सबसे ऊंचे स्तर पर है।’
कोविड की ओमीक्रोन से संबंधित किसी भी किस्म से भारत में संक्रमण की ‘लहर’ आने के आसार नहीं हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की विषाणु विज्ञान प्रमुख निवेदिता गुप्ता ने कहा कि कम से कम कुछ सप्ताह के दौरान हमारी स्थिति ‘बुरी’ होने के आसार नहीं हैं। कोविड की नई किस्म एक्सई से मामले बढऩे की आशंका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘इसके बारे में कुछ कहना मुश्किल है। मगर इसके आसार कम हैं।’ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ब्रिटेन में मिली कोविड की नई किस्म एक्सई के प्रति आगाह किया है। इसने कहा है कि यह अब तक की किसी भी किस्म से ज्यादा संक्रामक हो सकता है। लेकिन लगता है कि भारतीय विशेषज्ञ इसे लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं। विशेषज्ञ इस मसले पर भी एकमत नहीं हैं कि भारत को पूरी आबादी के लिए बूस्टर या तीसरी खुराक शुरू करनी चाहिए या नहीं।