लेटरल भर्ती के जरिये 2019 में केंद्रीय मंत्रालयों में नियुक्त किए गए सात संयुक्त सचिवों में से छह को सेवा विस्तार मिलना तय है। एक अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि छह संयुक्त सचिवों का बेहतरी प्रदर्शन देखकर केंद्र ने उन्हें दो साल का सेवा विस्तार देने का फैसला किया है।
2018 में पहली बार नरेंद्र मोदी सरकार ने अनुबंध पर संयुक्त सचिव रैंक के 10 पदों के लिए निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों से आवेदन मांगे थे। इसके बाद 2019 में केंद्र ने नौ संयुक्त सचिव के तीन साल के कार्यकाल के लिए चुना था, जो उनके प्रदर्शन के आधार पर अगले दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता था। नौ में से सात संयुक्त सचिव अभी सरकार के विभिन्न विभागों में सेवा दे रहे हैं।
छह संयुक्त सचिव जिनकी सेवा विस्तार की जा रही है उनमें वित्त सेवा में संयुक्त सचिव सौरभ मिश्रा, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुजीत बाजपेयी, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में संयुक्त सचिव दिनेश जगदाले, सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव एसपी सिंह, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव भूषण कुमार और आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव राजीव सक्सेना शामिल हैं।
नागिरक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव अंबर दुबे ने तीन वर्ष पूरा होने पर सेवा से बाहर होने का निर्णय लिया है। केंद्र में अभी करीब 37 अनुबंध वाले संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के तौर पर विभिन्न विभागों में अपनी सेवा दे रहे हैं। इनमें सात जेएस और 30 अधिकारी 2021 में चुने गए हैं और 2022 में सरकारी विभागों में शामिल हुए। इनमें तीन संयुक्त सचिव, 18 निदेशक और नौ उप सचिव शामिल हैं। प्रशासनिक सेवा में सुधार के लिए मोदी सरकार ने प्रमुख सरकारी पदों पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ नियुक्त किए थे।