मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अभी तक भले ही मंत्रिमंडल विस्तार नहीं कर पाए हो, लेकिन सरकार के 100 दिनों का कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार की जा रही है। राज्य के सभी विभागों के सचिवों के साथ अपनी पहली बैठक में शिंदे ने केंद्र और राज्य की योजनाओं को तेजी से पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी विभाग अपने काम की रुपरेखा तय करके इसकी सूचना जल्द से जल्द दे।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि देश में राज्य की अच्छी छवि है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि वह राज्य सरकार के साथ खड़े हैं। अन्य केंद्रीय मंत्री भी राज्य के साथ सहयोग करने को आतुर हैं। ऐसे समय में हमें भी नवीन योजनाओं के साथ आना चाहिए। नए उपक्रमों का स्वागत है । ऐसे प्रस्तावों को केंद्र से अधिकतम निधि कैसे प्राप्त हो सकता है यह देखने के तुरंत बाद प्रस्तुत किया जाना चाहिए। खासकर रेलवे और हाईवे को लेकर केंद्र की ओर से फॉलोअप बढ़ाया जाए। लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करते हुए शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण कार्य किया जाए।
शासन और प्रशासन राज्य कारभार में रथ के दो पहिये हैं, दोनों को तालमेल से काम करने की जरूरत है । जनोन्मुख योजनाओं को अंतिम तबके तक पहुंचना चाहिए और उन्हें प्रभावी रूप से लागू करना चाहिए। राज्य में नई सरकार से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। हमें किसानों, मजदूरों, खेतिहर मजदूरों की उम्मीदें पूरी करनी होंगी । सरकार की छवि प्रशासन की कार्यक्षमता पर निर्भर करती है। इसके लिए सभी को राज्य के कल्याण के लिए प्रभावी रूप से काम करना चाहिए ।
मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों के लिए अहम फैसले लिए गए हैं। उन फैसलों का तुरंत अमल किया जाना चाहिए। भारी बारिश से किसानों की फसलों का बड़ा नुकसान हुआ है। इस नुकसान का पंचनामा तत्काल कर किसानों को राहत मुआवजा देने में तेजी लाई जाए । राज्य में सड़कों का सुधार करते समय नई तकनीक के प्रभावी प्रयोग को प्राथमिकता दी जाए। किसी भी कार्य में गुणवत्ता से समझौता न करें।
मुख्यमंत्री ने अपनी निर्णयों को स्पष्ट करते हुए कहा कि पहले के गलत निर्णयों को सरकार की ओर से स्थगिति दी गई है, जनता से संबंधित आवश्यक कामों को स्थगिति नहीं दी जाएगी। पहले जो लोकहित के काम शुरू थे, उन कामों को शुरू रखा जाएगा । प्रशासन पर बढ़ रहा तनाव कम करने के लिए रिक्त पदों की भर्ती होना भी जरूरी है । इसकी योजना तैयार की जाए। बैठक में मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव के साथ सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव आदि उपस्थित थे।
