facebookmetapixel
इंडसइंड बैंक में 9.5% तक हिस्सेदारी खरीदेगा HDFC Bank, रिजर्व बैंक से मिली मंजूरीICICI Pru AMC IPO: अप्लाई करने का आखिरी मौका, अब तक कितना हुआ सब्सक्राइब; GMP क्या दे रहा इशारा ?क्या ₹3 लाख प्रति किलो पहुंचेगी चांदी? एक्सपर्ट्स ने बताया- निवेशकों को क्या सावधानी बरतनी चाहिएGold silver price today: सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट, MCX पर देखें आज का भावडॉनल्ड ट्रंप ने BBC पर 40,000 करोड़ रुपये का मानहानि मुकदमा दायर कियाबायोकॉन ने नीदरलैंड में उतारी मोटोपे और डायबिटीज के इलाज की दवाजियोस्टार को मिला नया सीएफओ, जानिए कौन हैं जीआर अरुण कुमारकाम के बाद भी काम? ‘राइट टू डिसकनेक्ट बिल’ ने छेड़ी नई बहसलिशस ने रचा इतिहास, पहली बार 100 करोड़ रुपये का मासिक कारोबारविदेशी पढ़ाई की राह बदली: भारतीय छात्र अब दुबई को दे रहे हैं तरजीह

राम मंदिर का नक्शा पारित

Last Updated- December 15, 2022 | 2:41 AM IST

अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बनने वाला भव्य मंदिर 2.74 लाख वर्ग मीटर का होगा। मंदिर का नक्शा बुधवार को अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में पारित किया गया। मंदिर 13,000 वर्गमीटर में होगा जिसका निर्माण लार्सन ऐंड टुब्रो करेगी।
बुधवार को विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में अयोध्या के राम मंदिर का नक्शा रखा गया। नक्शे के मुताबिक मंदिर के खुले हिस्से का क्षेत्रफल 2,74,110 वर्ग मीटर का होगा जबकि निर्माण 13,000 वर्गमीटर में किया जाएगा। मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया जाएगा और इसमें लोहे की जगह तांबे की छड़ों का प्रयोग किया जाएगा। मंदिर का नक्शा पारित कराने के लिए जरूरी लगभग 5 करोड़ की मानचित्र फीस राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को जमा करानी होगी। इस फीस में विकास शुल्क के साथ अनुरक्षण शुल्क पर्यवेक्षण व लेबर सेस भी शामिल है। बोर्ड बैठक की अध्यक्षता अयोध्या के कमिश्नर एमपी अग्रवाल ने की जबकि उपाध्यक्ष नीरज शुक्ला भी मौजूद रहे। बोर्ड सदस्यों के मुताबिक तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 2,74,110 वर्ग मीटर खुला क्षेत्र और 13,000 वर्गमीटर क्षेत्रफल का नक्शा पेश किया था जिसे पारित कर दिया गया है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक रामकोट इलाका जहां मंदिर का निर्माण होना है, वहां से आसपास के जर्जर मंदिरों को हटाए जाने का काम चल रहा है। जन्मभूमि क्षेत्र के एकदम करीब सीता रसोई को हटाया जा रहा है। समूचा क्षेत्र खाली कराने के बाद जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। मंदिर निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्री और मजबूती को लेकर हाल ही में दिल्ली में हुई ट्रस्ट की बैठक में चर्चा की गई थी। लंबे समय तक मंदिर की मजबूती बनाए रखने के लिए लोहे की जगह तांबे का इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया है। मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को तराशने का काम पिछले ढाई दशक से चल रहा है जो करीब-करीब पूरा हो चुका है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक राम जन्मभूमि-बाबरी मामले में पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मिली पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने के काम में भी तेजी आई है। मस्जिद निर्माण के लिए गठित इंडो इस्लामिक वेलफेयर फाउंडेशन ने अयोध्या में मस्जिद के लिए आर्किटेक्ट के तौर पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एसएम अख्तर का नाम तय किया है। प्रोफेसर यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्ट विभाग के फाउंडर डीन हैं। फाउंडेशन ने अयोध्या में मिली पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद के साथ ही शोध केंद्र, लाइब्रेरी, अस्पताल और सामुदायिक किचन बनाने का फैसला किया है।

First Published - September 2, 2020 | 11:28 PM IST

संबंधित पोस्ट