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एनपीएस सदस्यों को बेहतर विकल्प देगा पीएफआरडीए

Last Updated- December 12, 2022 | 5:52 AM IST

पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के अंशधारकों को बेहतर विकल्प देने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में इस योजना के तहत अंशधारकों को अपेक्षाकृत कम सालाना रिटर्न मिलता है। विशेषज्ञों ने कहा कि प्रस्तावित कदम से निवेशकों को निकासी के समय अपने पेंशन कोष का उपयोग करने में ज्यादा लचीलापन मिलेगा। लेकिन एन्युटी से पूरी तरह बाहर होने पर उन्हें दीर्घावधि रिटर्न से वंचित होना होगा।
पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा कि वर्तमान में प्रत्येक अंशधारकों को जिनकी कुल निवेशित राशि सेवानिवृत्ति या 60 साल की आयु तक दो साल रुपये से अधिक रहती है, उन्हें 40 फीसदी जमा राशि एन्युटी कोष में रखना होगा है, जिससे कर और मुद्रास्फीति को समायोजित करने पर उनका रिटर्न ऋणात्मक हो जाता है। एन्युटी योजना में कोष हस्तांतरित करने पर कर नहीं लगता है लेकिन निकासी के समय कर देनदारी होती है जो निवेशक  के आयकर दायरे पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, ‘हम भुगतान योजना पर विचार कर रहे हैं। 60 साल या सेवानिवृत्ति के बाद, 40 फीसदी राशि एन्युटी योजना में लगाना अनिवार्य है। एन्युटी का भुगतान आईआरडीएआई नियंत्रित बीमाकर्ताओं द्वारा किया जाता है। एन्युटी ब्याज दर के हिसाब से होती है जिसमें हाल के समय में भारी गिरावट आई है।’
बंद्योपाध्याय ने कहा कि एन्युटी योजना पर रिटर्न 5 से 6 फीसदी के दायरे में मिलता है लेकिन अधिकांश बीमाकर्ता 5 से 5.5 फीसदी ब्याज देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘अगर आप कर और मुद्रास्फीति की दर को देखें तो वास्तविक रिटर्न ऋणात्मक हो जाता है। हम अपने अंशधारकों को 40 फीसदी अपने पेंशन कोष प्रबंधकों के साथ बनाए रखने का विकल्प देने पर विचार कर रहे हैं। हमारे पर चरणबद्घ निकासी योजना है और साथ ही एन्युटी और चरणबद्घ निकासी का मिश्रित विकल्प भी है। हम अन्य देशों में अपनाए जा रहे मॉडल का भी अध्ययन कर रहे हैं।’
पर्सनलफाइनैंस प्लान के संस्थापक दीपेश राघव ने कहा कि एन्युटी में अधिक बदलाव करने की गुंजाइश काफी कम रहती है। उन्होंने कहा,’एसडब्ल्यूपी के साथ निवेशकों को अधिक स्वतंत्रता मिलती है। हालांकि नियामक  एसडब्ल्यूपी के साथ कुछ शर्तें जोड़ सकते हैं, इसलिए विस्तृत बातें सामने आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।’
हालांकि उन्होंने कहा कि एक बात यह भी है कि एन्युटी विकल्प जीवन भर के लिए आय की गारंटी दे सकते हैं, लेकिन एसडब्ल्यूपी के मामले में ऐसी बात नहीं है। इस समय 2 लाख रुपये तक रकम निकाल सकते हैं और 40 प्रतिशत रकम एन्युटी में रखने की जरूरत नहीं होती है।
बंद्योपाध्याय ने कहा कि पीएफआरडीए 2 लाख रुपये की यह सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना चाहता है। उन्होंने साफ किया कि एन्युटी का विकल्प हमेशा रहेगा।
पीएफआरडीए यह भी प्रावधान करेगा जिसके तहत कोई पेंशन फंड प्रबंधक कभी भी लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। पीएफआरडीए न्यूनतम निश्चित प्रतिफल देने वाली योजना भी लाने की तैयारी कर रहा है। न्यूनतम गारंटी योजना पीएफआरडीए का ही हिस्सा है लेकिन इसका क्रियान्वयन अब तक नहीं हुआ है।

First Published - April 15, 2021 | 11:21 PM IST

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