facebookmetapixel
RBI ने बैंकों को कहा: सभी शाखाओं में ग्राहकों को बुनियादी सेवाएं सुनिश्चित करें, सुधार जरूरीसाल 2025 बना इसरो के लिए ऐतिहासिक: गगनयान से भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की उलटी गिनती शुरूदिल्ली देखेगी मेसी के कदमों का जादू, अर्जेंटीना के सुपरस्टार के स्वागत के लिए तैयार राजधानीदमघोंटू हवा में घिरी दिल्ली: AQI 400 के पार, स्कूल हाइब्रिड मोड पर और खेल गतिविधियां निलंबितUAE में जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता: यूरोप ब्रिटेन और मिस्र के विदेश मंत्री से की मुलाकात‘सच के बल पर हटाएंगे मोदी-संघ की सरकार’, रामलीला मैदान से राहुल ने सरकार पर साधा निशानासेमाग्लूटाइड का पेटेंट खत्म होते ही सस्ती होंगी मोटापा और मधुमेह की दवाएं, 80% तक कटौती संभवप्रीमियम हेलमेट से Studds को दोगुनी कमाई की उम्मीद, राजस्व में हिस्सेदारी 30% तक बढ़ाने की कोशिशकवच 4.0 के देशभर में विस्तार से खुलेगा भारतीय रेलवे में ₹50 हजार करोड़ का बड़ा सुरक्षा बाजारइंडिगो का ‘असली’ अपराध क्या, अक्षमता ने कैसे सरकार को वापसी का मौका दिया

कोविड संबंधित 332 विज्ञापनों में से केवल 12 ही वैज्ञानिक रूप से पाए गए सही

Last Updated- December 12, 2022 | 2:23 AM IST

पिछले वित्त वर्ष में भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में 6,140 से ज्यादा शिकायतों पर कार्रवाई की और कोविड संबंधित दावे करने वाले 332 विज्ञापनों में से केवल 12 को ही वैज्ञानिक रूप से सही पाया।
ऐस विज्ञापनों द्वारा किए गए दावों पर नजर रखने और सत्यापित करने वाले समूह में सूक्ष्मजीव विज्ञानी भी शामिल थे।
आयुष मंत्रालय के एक निर्देश के बाद, जिसमें एएससीआई को 1 अप्रैल, 2020 के अपने निर्देश का उल्लंघन करने वाले विज्ञापनों की पहचान करने के लिए कहा गया था, वैश्विक महामारी शुरू होने के बाद पहली तिमाही से संस्था ने मंत्रालय के सामने 237 आपत्तिजनक विज्ञापन रखे। जहां एक ओर इनमें से 164 विज्ञापनों ने असत्य दावों को माना और उन्हें संशोधित किया, वहीं दूसरी ओर कोविड से संबंधित 73 विज्ञापनों को अनुपालन न करने के कारण मंत्रालय द्वारा आगे की जांच और कार्रवाई करने की जरूरत थी।
एएससीआई ने पेंट, परिधान, डिटर्जेंट, त्वचा की देखभाल, एयर कंडीशनर, पंखे, वाटर प्यूरीफायर, प्लाईवुड और लैमिनेट्स, सप्लीमेंट्स और भोजन जैसी कई श्रेणियों को चिह्नित किया। ये सभी कोविड संबंधी लाभ की उम्मीद जता रहे थे।
एएससीआई की महासचिव मनीषा कपूर ने कहा ‘ऐसे दौर में जहां उपभोक्ता संवेदनशीलता सर्वकालिक उच्च स्तर पर थी, तब कई ब्रांडों ने इसका अनुचित लाभ उठाया और सार्स कोव-2 वायरस के विरुद्ध अपनी वास्तविक उपयोगिता का कोई दमदार साक्ष्य स्थापित किए बिना अपना माल बेचने का प्रयास किया। ‘
कोविड संबंधी शिकायतों के अलावा एएससीआई उपभोक्ता शिकायत परिषद (सीसीसी) ने शिक्षा क्षेत्र में 1,406, खाद्य और पेय विज्ञापनों के खिलाफ 285 और व्यक्तिगत देखभाल से संबंधित 147 शिकायतों पर भी कार्रवाई की। इसके अतिरिक्त 364 विज्ञापन प्रथम दृष्टया औषधि एवं जादूई उपचार अधिनियम का उल्लंघन करते पाए गए थे।
कुल मिलकर इस विनियामकीय संस्था ने अपनी अनुशंसाओं पर विज्ञापनदाताओं की ओर से 97 प्रतिशत की अनुपालन दर हासिल की। इसकी स्वतंत्र उपभोता शिकायत परिषद ने वर्ष के दौरान 37 बार बैठक की और सितंबर 2020 में एएससीआई ने 3,000 डिजिटल प्लेटफॉर्म की निगरानी के लिए टैम के साथ गठजोड़ किया। इसके बाद से इसे ऑनलाइन विज्ञापनों से संबंधित शिकायतों में इजाफा दिखाई दिया है। दोनों को अंतिम उपभोक्ताओं से शिकायतें मिली और साथ ही साथ स्वत: संज्ञान भी लिया गया। सीसीसी द्वारा जांच किए गए कुल 35 प्रतिशत विज्ञापन डिजिटल माध्यम से थे।
महामारी के इस वर्ष में ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों में भी बड़ी उछाल देखी गई, जिसने संस्था को इस क्षेत्र के लिए दिशानिर्देश जारी करने को प्रेरित किया। जनवरी-मार्च 2021 से एएससीआई ने ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग से संबंधित 67 शिकायतों पर कार्रवाई की।

First Published - July 26, 2021 | 6:49 PM IST

संबंधित पोस्ट