दिसंबर 2021 के मध्य से लेकर जनवरी 2022 की शुरुआत तक भारत में कोविड-19 के जिन नमूनों का विश्लेषण किया गया उनके मुताबिक महज 28 दिनों में ही ओमीक्रोन के मामले 2 प्रतिशत से बढ़कर 75 प्रतिशत से अधिक हो गए। आवर वल्र्ड इन डेटा के संग्रह डेटा से यह अंदाजा मिलता है कि दिसंबर के मध्य में विश्लेषण किए गए 1.88 प्रतिशत नमूने ओमीक्रोन के थे जिसका अंदाजा आवर वल्र्ड इन डेटा से लिए गए डेटा से मिलता है जिसके आंकड़े जीनोमिक डेटा संग्रह पहल जीआईएसएआईडी से लिए गए हैं। जनवरी की शुरुआत तक यह बढ़कर 78.55 प्रतिशत हो गया। इसी अवधि में डेल्टा स्वरूप की हिस्सेदारी 89.25 प्रतिशत से घटकर 20.85 प्रतिशत रह गई। 29 नवंबर तक, डेल्टा स्वरूप की हिस्सेदारी 94.63 प्रतिशत थी जबकि ओमीक्रोन की हिस्सेदारी 0.51 प्रतिशत तक थी।
सात दिनों के औसत के आधार पर रविवार, 23 जनवरी को खत्म सप्ताह के दौरान शीर्ष पांच देश जो ओमीक्रोन से सबसे अधिक प्रभावित थे उनका रोजाना 10 लाख मामलों में योगदान था। अकेले भारत में ही रोजाना तीन लाख से अधिक मामले सामने आए। रोजाना मामलों के लिहाज से सात दिनों की औसत संख्या 13 दिसंबर के 8,000 से बढ़कर 10 जनवरी तक 130,000 तक हो गई। वेबसाइट पर 10 जनवरी तक के ही सिक्वेसिंग डेटा उपलब्ध हैं।
जीआईएसएआईडी अन्य देशों में कोरोनावायरस के स्वरूप की हिस्सेदारी के डेटा भी देता है। ओमीक्रोन उन सभी पांच देशों में प्रमुख स्ट्रेन है जहां संक्रमण के रोजाना मामलों की संख्या सबसे अधिक है। इनमें अमेरिका, ब्राजील, भारत, फ्रांस और इटली शामिल हैं। प्रत्येक देश में 70-95 प्रतिशत नमूने ओमीक्रोन स्वरूप के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं।
मुमकिन है कि तब से इसका अनुपात बढ़ गया होगा। अन्य देशों में ओमीक्रोन की हिस्सेदारी काफी अधिक हो गई है। फ्रांस और इटली दोनों देशों में 90 प्रतिशत से अधिक ओमीक्रोन की हिस्सेदारी है। फ्रांस में करीब 91.91 प्रतिशत और इटली में 90.82 प्रतिशत ओमीक्रोन स्वरूप पाया गया है। ये दोनों देश शीर्ष पांच देशों में ऐसे देश थे जहां भारत की तुलना में (10 जनवरी तक) ओमीक्रोन की कम हिस्सेदारी थी। अमेरिका में ओमीक्रोन की हिस्सेदारी 98.21 प्रतिशत से अधिक है।
डेटा पिछले दो हफ्तों में विश्लेषण किए गए सीक्वेंस को दर्शाता है। यह पूरी तरह से कोरोनावायरस के स्वरूप का प्रतिनिधित्व नहीं करता है क्योंकि बेहद कम मामलों के लिए ही ऐसी सीक्वेंसिंग की जाती है। सरकार के नेतृत्व वाले प्रयोगशालाओं के कंसोर्टियम ने इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इन्साकॉग) ने कोविड-19 मामलों का विश्लेषण किया और 10 जनवरी के आंकड़े रविवार 23 जनवरी को ही जारी किए गए।
इसने अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा, ‘ओमीक्रोन अब भारत में सामुदायिक संचरण में है और कई महानगरों में यह कोरोनावायरस का प्रमुख स्वरूप है जहां संक्रमण के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक अधिकांश ओमीक्रोन मामले में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं लेकिन अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू वाले मामले मौजूदा लहर में बढ़ रहे हैं। खतरे के स्तर में कोई बदलाव नहीं आया है।’
