भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स संघ ‘इनसाकॉग’ ने वैश्विक आंकड़ों के हवाले से अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा है कि अब ओमीक्रोन की बहुत उच्च प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता के समर्थन में स्पष्ट प्रयोगात्मक और क्लीनिकल आंकड़े हैं, लेकिन प्रारंभिक अनुमान बीमारी की गंभीरता को महामारी की पिछली लहरों की तुलना में कम आंकते हैं। इनसाकॉग ने वैश्विक रूप से वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण के खिलाफ टीकों या पूर्व में हो चुके संक्रमण की कम क्षमता को संज्ञान में लेते हुए कहा कि भारत में ओमीक्रोन पर निगरानी के लिए समुचित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और अध्ययन किए जा रहे हैं।
इनसाकॉग ने बुधवार को जारी अपने बुलेटिन में कहा, ‘वायरस का डेल्टा स्वरूप जहां दुनियाभर में सबसे ज्यादा फैलने वाला चिंताजनक स्वरूप (वीओसी) है, वहीं दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रोन ने प्रकोप के मामले में डेल्टा को पीछे छोड़ दिया है और ब्रिटेन तथा अन्य जगहों पर भी सर्वाधिक प्रभाव वाला स्वरूप बनने की राह पर है।’ उसने वैश्विक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि ओमीक्रोन के उच्च प्रतिरोधक क्षमता से बच निकलने के समर्थन में अब स्पष्ट प्रायोगिक और क्लीनिकल आंकड़े हैं। इनसाकॉग ने कहा, ‘हालांकि बीमारी की गंभीरता के प्रारंभिक आकलन पिछले प्रकोपों की तुलना में इसे कमतर आंकते हैं। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ये शुरुआती धारणाएं पुराने गैर-प्रतिरक्षा संबंधी विषयों के लिए सामान्य हैं या नहीं और खतरे का स्तर अब भी अधिक समझा जा रहा है।’ भारत में अभी तक कोरोनावायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के 781 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 241 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं या अन्य स्थानों पर चले गए हैं।
11 फीसदी बढ़े वैश्विक मामले
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि दुनियाभर में पिछले सप्ताह सामने आए कोविड-19 के मामलों की संख्या उससे पहले के सप्ताह की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक हो गया और अमेरिका महाद्वीपीय देशों में सर्वाधिक बढ़ोतरी देखी गई है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने मंगलवार को जारी अपनी साप्ताहिक महामारी संबंधी रिपोर्ट में कहा कि 20 से 26 दिसंबर के बीच दुनियाभर में करीब 49.9 करोड़ नए मामले सामने आए। इनमें से आधे से अधिक मामले यूरोप में आये जिनकी संख्या 28.4 करोड़ थी। यूरोप में एक सप्ताह से पहले की तुलना में केवल तीन प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अमेरिका महाद्वीपीय क्षेत्र में नए मामले 39 प्रतिशत बढ़कर करीब 14.8 लाख हो गए। भाषा
ब्रिटेन में नये साल के मौके पर बूस्टर खुराक लगाने पर जोर
ब्रिटेन के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम की प्रमुख ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) बुधवार से हजारों लोगों से संपर्क कर उनसे कोविड रोधी टीके की बूस्टर खुराक के लिए पंजीकरण कराने का आग्रह कर रही है। कोरोनावायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की वजह से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन अस्पतालों में संक्रमितों के भर्ती होने के मामले इतनी तेजी से नहीं बढ़ रहे। एनएचएस कोविड टीकाकरण कार्यक्रम लगातार रिकॉर्ड बना रहा है और सोमवार को लगभग ढाई लाख लोगों को टीका लगाया गया। एनएचएस कोविड टीकाकरण कार्यक्रम की प्रमुख डॉ एमिली लाउसन ने कहा, ‘हम इस सप्ताह हजारों लोगों से संपर्क कर ओमीक्रोन के खतरे के मद्देनजर अधिकतर संरक्षण प्राप्त करने का अनुरोध कर रहे हैं। विशेषज्ञों की स्पष्ट राय है कि दो खुराकों से इतनी सुरक्षा नहीं मिलती जितनी वायरस के नये स्वरूप के खिलाफ जरूरी है। इसलिए सभी पात्र लोगों को बूस्टर खुराक लेनी चाहिए।’
ऐंटीबॉडी की पहचान
वैज्ञानिकों ने ऐसी ऐंटीबॉडी की पहचान की है जो कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन और अन्य स्वरूपों को उन स्थानों को निशाना बनाकर निष्क्रिय कर सकते हैं, जो वायरस परिवर्तित होने के बाद भी वास्तव में नहीं बदलते हैं। यह अध्ययन विज्ञान पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित हुआ है और इस अनुसंधान से टीका तैयार करने और ऐंटीबॉडी से उपचार में मदद मिल सकती है जो न केवल ओमीक्रोन बल्कि भविष्य में अन्य स्वरूपों के खिलाफ भी प्रभावी होगा।
बचा हुआ है एशिया
एशिया का अधिकांश भाग कोरोनावायरस संक्रमण के नए स्वरूप ओमीक्रोन को दूर रखने में कामयाब रहा है जबकि दुनिया के अन्य हिस्सों में इसका प्रकोप बढ़ता जा रहा है, लेकिन वह क्षेत्र जहां दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी है, वहां इसके मामलों में वृद्धि अपरिहार्य तौर पर देखने को मिल सकती है। विदेशों से आने वालों के लिए पृथकवास के सख्त नियम और बड़े पैमाने पर मास्क लगाने को अनिवार्य करने जैसे नियमों ने कोरोनावायरस के बेहद संक्रामक स्वरूप के प्रसार को धीमा रखने में मदद की है। भाषा