भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के एक अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर का राजमार्ग परियोजनाओं पर बहुत मामूली असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण जमीनी स्तर पर स्थिति की निगरानी कर रहा है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कोविड के कारण आई सुस्ती से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश अहम है। अधिकारी के मुताबिक, ‘देश इस समय कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहा है। हम स्थिति पर नजदीकी से नजर बनाए हुए हैं और विभिन्न राज्यों में विभिन्न योजनाओंं पर इसके असर का आकलन कर रहे हैं। अब तक परियोजनाओं पर बहुत मामूली या नगण्य असर पड़ा है।’
अधिकारी ने कहा कि एनएचएआई के सभी साइट अधिकारियों व हिस्सेदारों (कॉन्ट्रैक्टरों व कंसेसनायरों) को कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने और ज्यादा से ज्यादा संख्या में कर्मचारियों के जल्द टीकाकरण को कहा गया है।
अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 के असर को कम करने की कवायद की जा रही है। कच्चे माल के दाम में बढ़ोतरी के हिसाब से देखें तो कुछ कांट्रैक्ट में इसके लिए पहले से प्रावधान किए गए हैं। इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) और हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) परियोजनाओं में कांट्रैक्ट समझौते में थोक मूल्य सूचकां से जुड़े भुगतान का प्रावधान किया गया है। अधिकारी ने कहा कि ऐसे में अगर कच्चे माल की कीमत बढ़ती है तो सड़क परियोजना पर आने वाली लागत भी बढ़ जाएगी।
कोविड-19 की दूसरी लहर सड़क निर्माण के साथ रियल एस्टेट के निर्माण पर भी पड़ा है। हालांकि सरकार ने इस साल निर्माण पर रोक नहीं लगाई है, जिससे नुकसान बहुत मामूली है।
