पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के गुरुवार को घोषित परिणामों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन राज्यों में सत्ता हासिल की, हालांकि गोवा में इसका आंकड़ा बहुमत से एक कम रहा और आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब में जीत हासिल की। पांच राज्यों के सीटों के बिज़नेस स्टैंडर्ड के विश्लेषण से पता चलता है कि पंजाब और उत्तराखंड को छोड़कर पांच साल पहले की तुलना में इस बार कम अंतर से जीत दर्ज की गई।
2022 में गोवा में जीत का औसत अंतर 1,991 वोटों का था जबकि 2017 में यह 3,946 था। गोवा में पार्टी ने 10 सीटों पर जीत 1,000 से कम वोटों के अंतर से हासिल की। इसके अलावा, छह सीटें 500 से कम वोटों के अंतर से जीती गईं। इसके उलट पिछली बार केवल दो सीटें 500 से कम वोटों के अंतर से जीती गई थीं और सात सीटों पर 1,000 से कम वोटों का अंतर रहा था।
मणिपुर में, जीत का औसत अंतर इस बार के चुनावों में 1,578 वोटों का था जबकि 2017 में यह 1,849 था। 10 सीटों के उम्मीदवार 500 से कम वोटों के अंतर के साथ आगे चल रहे थे और 22 सीटों पर उम्मीदवार 1,000 से कम वोटों के अंतर से आगे थे। वर्ष 2017 में 500 से कम वोटों और 1,000 वोटों के मार्जिन से जीत वाली सीटें क्रमश: 10 और 18 थीं। उत्तराखंड में जीत का औसत अंतर 6,717 मतों से बढ़कर 7,333 हो गया। सीटों के मामले में, 500 से कम वोटों के अंतर के साथ दो सीटों पर उम्मीदवारों की यथास्थिति थी और 1,000 से कम वोटों के अंतर के साथ पांच उम्मीदवार आगे थे।
वहीं पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य था जहां कम अंतर से जीती गई सीटों की संख्या में कमी आई। पिछले साल के 26 सीटों की तुलना में 5,000 से कम वोटों के अंतर से केवल 16 सीटें जीती गई थीं। जीत का औसत अंतर 14,954 से बढ़कर 19,873 हो गया। 5,000 से कम वोट के अंतर वाली सीटों के उम्मीदवारों की संख्या 2022 में बढ़कर 56 हो गई। 2017 में, 48 सीटें 5,000 वोटों के अंतर से कम के साथ जीती गई थीं। जीत का औसत अंतर 25,759 वोटों से घटकर 18,144 वोटों पर आ गया।
चुनाव से जुड़े आंकड़ों के आगे के विश्लेषण से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में शीर्ष दो दलों की वोट हिस्सेदारी में पिछले चुनाव की तुलना में वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश में 2017 से 2022 के बीच शीर्ष दो दलों की वोट हिस्सेदारी 61.9 से बढ़कर 73.4 प्रतिशत हो गई।
मणिपुर और गोवा में पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में शीर्ष दो राजनीतिक दलों की हिस्सेदारी में कमी आई है। गोवा में शीर्ष दो दलों की वोट हिस्सेदारी 60.9 प्रतिशत से घटकर 56.8 प्रतिशत रह गई है। भाजपा ने उत्तराखंड को छोड़कर सभी राज्यों में अपनी वोट हिस्सेदारी बढ़ाई है जहां चुनाव जीतने के बावजूद, पार्टी की वोट हिस्सेदारी 46.5 प्रतिशत से घटकर 44.3 प्रतिशत हो गई है। उत्तराखंड को छोड़कर सभी राज्यों में कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी में गिरावट आई है।
