महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्य गुजरात में बेमौसम बारिश से फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। सरकार की तरफ से किसानों के नुकसान के सर्वेक्षण करने का आदेश दिया गया है ताकि किसानों को मुआवजा दिया जा सके। विपक्षी दलों ने मूसलाधार बारिश से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है।
उद्धव ठाकरे ने बेमौसम बारिश के कारण महाराष्ट्र में किसानों को हुए नुकसान के बीच विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए पड़ोसी राज्य तेलंगाना के दौरे को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि किसानों की फसलों को हुए नुकसान के मुद्दे पर चर्चा के लिए तुरंत राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई जाए और किसानों को जल्द से जल्द सहायता दी जाए। राज्य में बेमौसम बारिश के कारण छह लोगों की जान चली गई है, जबकि 100 मवेशी भी मारे गए हैं।
अंगूर और प्याज की खेती करने वाले किसान भी बेमौसम बारिश से प्रभावित
महाराष्ट्र में अंगूर और प्याज की खेती करने वाले किसान भी बेमौसम बारिश से प्रभावित हुए हैं। ठाकरे ने कहा कि उन्हें मिली प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक पिछले तीन-चार दिन से बेमौसम बारिश के कारण मराठवाड़ा, विदर्भ और उत्तरी महाराष्ट्र में करीब एक लाख हेक्टेयर में लगी फसल प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं है क्योंकि सभी लोग चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। अब सरकार बदलने का समय आ गया है। जो व्यक्ति अपने घर (राज्य) की चिंता नहीं करता और दूसरे राज्य में जाकर दूसरी पार्टी के लिए प्रचार करता है वह सरकार चलाने के लायक नहीं है और उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
महाराष्ट्र सरकार ने फसलों के सर्वेक्षण का दिया आदेश
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जिला अधिकारियों को पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में हुई बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान का प्रारंभिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कल ही कहा था कि सरकार प्रारंभिक मूल्यांकन और पंचनामा कराएगी, और आश्वासन दिया कि जिन किसानों को फसल का नुकसान हुआ है उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में किसानों को अलग-अलग स्तर पर नुकसान हुआ है, बारिश के कारण उनकी रबी फसलें प्रभावित हुई हैं। राज्य सरकार प्रभावित किसानों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र से 2,500 करोड़ रुपये की सहायता मांगने की योजना बना रही है।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वेडेट्टीवार ने कहा है कि बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों का हाल जानने के लिए वह दो दिसंबर से अकोला, यवतमाल, अमरावती, जालना और वाशिम में फसलों के खराब होने का जायजा लेने के लिए जाएंगे। चार दिवसीय दौरा करने के बाद वह नागपुर में होने वाले शीतकालीन अधिवेशन में यह बात विधानसभा में रखेंगे।
लगभग 90 हजार हेक्टेयर खड़ी फसलें बर्बाद
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के 17 जिलों में दो दिनों से हो रही बारिश और ओलावृष्टि की वजह से लगभग 90 हजार हेक्टेयर पर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
महाराष्ट्र में हुई मूसलाधार बारिश की वजह से कपास तुअर और संतरे, मोसंबी की फसलों को नुकसान पहुंचा है। बुलढाणा, नासिक नगर, पुणे, धूलिया, नंदुरबार, अमरावती, अकोला, नागपुर में बारिश कहर देखने को मिल रहा है। खेतों में लगी सब्जियों मे गोभी, टमाटर, बैगन, पालक, मेथी और मिर्ची जैसी सब्जियों को भी ज्यादा नुकसान होने की अशंका जताई जा रही है।
गुजरात में तीन से चार लाख हेक्टेयर फसलों के नुकसान का अंदेशा
गुजरात राज्य के कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दिशा-निर्देशों के मुताबिक प्रभावित किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नुकसान ज्यादा नहीं होगा क्योंकि ज्यादातर खरीफ फसलों की कटाई हो चुकी है। कपास और तूअर फसलों की कटाई अभी होनी है इसलिए हम अनुमान लगा रहे हैं कि तीन से चार लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ होगा। हाल-फिलहाल में रबी मौसम की शुरुआत हुई है और कुछ बड़ी फसलों की बुवाई शुरू ही हुई है इसलिए नुकसान की संभावना कम है।
प्रभावित किसानों के लिए राहत पैकेज को लेकर नुकसान के आकलन के सर्वेक्षण का आदेश पहले ही दे चुके हैं। रिपोर्ट आने के बाद मुआवजा दे दिया जाएगा।
पटेल ने कहा कि एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार, ऐसे किसान, जिनकी कुल फसल के 33 प्रतिशत या इससे अधिक का नुकसान हुआ है वे दो हेक्टेयर तक 6,800 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा पाने के हकदार हैं। अगर राज्य सरकार को उचित लगता है तो राहत राशि बढ़ाई भी जा सकती है।