महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) से पहले निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों से शिकायतें मिलने के बाद राज्य सरकार को पुलिस महानिदेशक (DGP) रश्मि शुक्ला का तत्काल प्रभाव से तबादला करने का सोमवार को निर्देश दिया।
राज्य में रश्मि शुक्ला के डीजीपी रहने पर कांग्रेस ने निपष्क्ष चुनाव नहीं होने की आशंका व्यक्त की थी। विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी ने आयोग के फैसले का स्वागत किया।
चुनाव आयोग ने जब महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव घोषित किए थे तब मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कांग्रेस की मांग को खारिज कर दिया था। अब चुनाव आयोग ने रश्मि शुक्ला को हटाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने सही फैसला किया है। ऐसे लोगों को पद पर नहीं बने रहना चाहिए।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने भी शुक्ला के संबंध में निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया। कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उनकी पार्टी ने विपक्षी नेताओं के फोन टैप करने में शुक्ला की कथित भूमिका का हवाला देते हुए उनके स्थानांतरण की मांग को लेकर निर्वाचन आयोग से तीन बार संपर्क किया था।
निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को रश्मि शुक्ला का प्रभार उनके बाद काडर के सबसे वरिष्ठ आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव को डीजीपी के पद पर नियुक्ति के लिए मंगलवार दोपहर तक तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम भेजने का भी निर्देश दिया गया।
हाल में एक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने अधिकारियों को न केवल निष्पक्ष रहने बल्कि यह भी सुनिश्चित करने को कहा था कि अपने कर्तव्यों का पालन करते समय उन्हें पक्षपाती न समझा जाए। कुमार ने 29 अक्टूबर को महाराष्ट्र में राजनीति से प्रेरित अपराधों पर चिंता जताई थी।
उन्होंने डीजीपी शुक्ला को चुनावी माहौल को प्रभावित करने वाले अपराधों पर सख्ती से लगाम लगाने को कहा था। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही 28 पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया । जिनमें 15 अधिकारी मुंबई से थे । अभी तक राज्य भर में 300 से ज्यादा पुलिस इंस्पेक्टरों का तबादला किया गया।
रश्मि शुक्ला पर विरोधियों के फोन टैप करने का आरोप
महाराष्ट्र की मौजूदा डीजीपी रश्मि शुक्ला राज्य की पहली महिला डीजीपी बनी थीं। 1988 बैच की आईपीएस अधिकारी शुक्ला को इसी साल 4 जनवरी को डीजीपी नियुक्त किया गया था। डीजीपी बनने से पहले वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सशस्त्र सीमा बल में महानिदेशक के पद पर तैनात थीं। वह इसी साल जून महीने में वह सेवानिवृत्त हो रही थीं, लेकिन सरकार ने उन्हें एक्सटेंशन दे दिया। इसके बाद कांग्रेस ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला दिया था। कांग्रेस रश्मि शुक्ला पर विवादित अफसर होने का आरोप लगाती आई है।
एमवीए नेताओं के फोन टेप करने के मामले में रश्मि शुक्ला का नाम घसीटा गया था, हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी। 15 अगस्त 1965 को महाराष्ट्र के मुंबई में जन्मीं रश्मि शुक्ला की शुरुआती शिक्षा मुंबई के सेंट जेवियर्स स्कूल से हुई है। शुक्ला 1988 में महज 22 साल की उम्र में आईपीएस बनी थीं।