facebookmetapixel
AI आधारित कमाई और विदेशी निवेश पर जोर, ASK ने बाजार आउटलुक में दी दिशाSEBI ने छोटे मूल्य में जीरो-कूपन बॉन्ड जारी करने की दी अनुमति, ₹1000 से कम में खरीद सकते हैं निवेशकसोने-चांदी की तेजी से पैसिव फंडों की हिस्सेदारी बढ़ी, AUM 17.4% पर पहुंचाSEBI की नई फीस नीति से एएमसी शेयरों में जबरदस्त तेजी, HDFC AMC का शेयर 7% तक चढ़ाक्या सच में AI से जाएंगी नौकरियां? सरकार का दावा: जितनी नौकरी जाएगी, उससे ज्यादा आएगीइच्छामृत्यु याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: 13 जनवरी को अभिभावकों से बातचीत करेगा न्यायालयमनरेगा की विदाई, ‘वीबी जी राम जी’ की एंट्री: लोकसभा में नया ग्रामीण रोजगार कानून पासप्रदूषण बढ़ने के बाद दिल्ली में बिना PSU ईंधन पर रोक, पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें और सख्त जांच शुरूभारत-ओमान के बीच समुद्री सहयोग मजबूत, सुरक्षा और व्यापार को लेकर साझा विजन पर सहमतिभारत-ओमान CEPA पर हस्ताक्षर: खाड़ी में भारत की रणनीतिक पकड़ और व्यापार को नई रफ्तार

प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी कानून के उल्लंघन पर होगी जेल!

Last Updated- December 11, 2022 | 11:01 PM IST

देश में भुगतान की विधि के रूप में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्तावित कानून के तहत उन लोगों को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता और बिना जमानत के पकड़ा भी जा सकता है, जो इस कानून का उल्लंघन करते हैं। रॉयटर्स द्वारा देखे गए विधेयक के संक्षिप्त विवरण और एक सूत्र से यह जानकारी मिली है।
सरकार पहले ही इस बात का संकेत दे चुकी है कि वह अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है। यह एक ऐसा कदम है, जो इस सितंबर में चीन द्वारा अपनाएं गए उपायों का अनुसरण करता है, जिसने क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है।
बिल के संक्षिप्त विवरण के अनुसार भारत सरकार डिजिटल मुद्राओं में विनिमय के माध्यम, मूल्य का संचय और खाते की इकाई के रूप में किसी भी व्यक्ति द्वारा माइनिंग करने, उत्पादन करने, रखने, बिक्री करने (या) लेनदेन किए जाने की सभी गतिविधियों पर सामान्य प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है। इनमें से किसी भी नियम का उल्लंघन करना भी ‘संज्ञेय’ होगा, जिसका अर्थ है कि बिना वारंट के गिरफ्तारी की जा सकती है और यह ‘गैर जमानती’ है। इस मामले की प्रत्यक्ष रूप से जानकारी रखने वाले सूत्र ने अपनी पहचान जाहिर करने से इनकार किया है। वित्त मंत्रालय ने टिप्पणी मांगने वाले ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
वकीलों का कहना है कि हालांकि सरकार पहले कह चुकी है कि इसका उद्देश्य ब्लॉकचेन तकनीक को बढ़ावा देना है, लेकिन प्रस्तावित कानून इसके इस्तेमाल के साथ-साथ भारत में नॉन-फन्जिबल टोकन (एनएफटी) बाजार के लिए भी एक झटका होगा।
कानूनी फर्म इकिगाई लॉ के संस्थापक अनिरुद्ध रस्तोगी ने कहा कि अगर किसी भी भुगतान की जरा भी अनुमति नहीं दी जाती है और लेनदेन शुल्क के लिए कोई अपवाद नहीं बनाया जाता है, तो यह प्रभावी रूप से ब्लॉकचैन के विकास और एनएफटी को भी रोक देगा।

First Published - December 7, 2021 | 11:38 PM IST

संबंधित पोस्ट