facebookmetapixel
सिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी समारोह के पास गोलीबारी, कम से कम 10 लोगों की मौतऑटो इंडस्ट्री का नया फॉर्मूला: नई कारें कम, फेसलिफ्ट ज्यादा; 2026 में बदलेगा भारत का व्हीकल मार्केटDelhi Pollution: दिल्ली-NCR में खतरनाक प्रदूषण, CAQM ने आउटडोर खेलों पर लगाया रोकशेयर बाजार में इस हफ्ते क्यों मचेगी उथल-पुथल? WPI, विदेशी निवेशक और ग्लोबल संकेत तय करेंगे चालFPI की निकासी जारी, दिसंबर के 12 दिनों में ही ₹18 हजार करोड़ उड़ गएसस्ता टिकट या बड़ा धोखा? हर्ष गोयनका की कहानी ने खोल दी एयरलाइंस की पोलMCap: टॉप 8 कंपनियों का मार्केट वैल्यू ₹79,129 करोड़ घटा; Bajaj Finance और ICICI Bank सबसे बड़े नुकसान मेंRobert Kiyosaki ने खोले 6 निवेश के राज, जिन्हें अपनाकर आप बन सकते हैं अमीर!IRCTC टिकट बुकिंग में नया सिस्टम, फर्जी अकाउंट्स अब नहीं बचेंगेDelhi Weather Today: दिल्ली पर घना कोहरा, AQI 500 के करीब; GRAP स्टेज-4 की कड़ी पाबंदियां लागू

International equal pay day: अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस आज, जानिए क्या है इसका महत्व

Last Updated- December 11, 2022 | 3:27 PM IST

पूरी दुनिया में आज अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस (International equal pay day) मनाया जा रहा है। 2020 के बाद से यह प्रत्येक वर्ष 18 सितंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गो के लिए समान वेतन तथा लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। दुनिया के अधिकतर देशों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कम वेतन मिलता है। अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस मनाने का उद्देश्य इसे खत्म करना है।
क्या है अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 नवंबर 2019 को पहली बार 18 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस मनाने की घोषणा की थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के दौरान यह फैसला लिया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह प्रस्ताव 105 सदस्य देशों द्वारा सह-प्रायोजित था। उसके बाद सदस्य देशों की सर्वसम्मति के बाद इसे मनाने का यह फैसला लिया गया। उसके बाद से यह हर साल 18 सितंबर को मनाया जाने लगा।
पुरुषों और महिलाओं के वेतन में भारी अंतर

पूरी दुनिया में पुरुषों और महिलाओं के वेतन में भारी अंतर देखने को मिलता है। आज भी कामकाजी महिलाएं अत्यंत लैगिंक भेदभाव का शिकार है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक आज भी पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव को पूरी तरह खत्म करने में 257 साल लग सकते हैं। विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने कहा था कि महिलाओं को पुरुषों के बराबर भुगतान मिलने में अभी भी 100 साल लगेंगे।
अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस का महत्व

दुनिया के अधिकतर देश अभी भी पुरुष प्रधान है जहां महिलाओं को वो अधिकार प्राप्त नहीं है जो एक पुरुषों को प्राप्त है। समाज में हमेशा महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कमतर आंका गया है। जबकि आज के समय में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों न सिर्फ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है बल्कि आगे भी है। इन्हीं बातों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने हर साल 18 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस मनाने का फैसला लिया ताकि समाज में व्याप्त लैंगिक अंतर कम हो सके और लोगों के अंदर इसके प्रति जागरूकता बढ़े।

First Published - September 18, 2022 | 3:30 PM IST

संबंधित पोस्ट