ढाका के स्पेशल ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में मौत की सजा सुना दी है। ये फैसला सोमवार को आया और कुछ ही घंटों बाद भारत की तरफ से पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया आई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ कहा कि भारत ने इस फैसले को नोट कर लिया है। साथ ही ये भी जोड़ा कि पड़ोसी देश होने के नाते भारत बांग्लादेश के लोगों के हितों के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेगा, चाहे बात शांति की हो, लोकतंत्र की हो, सबको साथ लेकर चलने की हो या स्थिरता की।
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मंत्रालय ने ये भी कहा कि आने वाले दिनों में भारत हर उस व्यक्ति या समूह से रचनात्मक तरीके से बातचीत करेगा जो बांग्लादेश में शांति और स्थिरता चाहता है। यानी दिल्ली किसी एक पक्ष को लेकर नहीं बैठी है, बल्कि सभी के साथ मिलकर आगे बढ़ने की बात कर रही है।
बता दें कि शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को बड़े छात्र-जन आंदोलन के बीच देश छोड़कर भारत आई थीं और तब से दिल्ली के आसपास ही रह रही हैं। अवामी लीग की नेता हसीना अब बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल से दोषी करार दी गई हैं। ट्रिब्यूनल ने उन्हें मानवता के खिलाफ अपराध का जिम्मेदार ठहराया है।