महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्टांप शुल्क में कटौती और भवन निर्माताओं की तरफ से दी जा रही भारी छूट एवं त्योहारी सीजन होने की वजह से मुंबई महानगरी क्षेत्र (एमएमआर) में अक्टूबर महीने में घरों की बिक्री तेज सुधार हुआ है। मुंबई में अक्टूबर महीने में 7,929 यूनिट घरों की बिक्री हुई। यह अक्टूबर में पिछले आठ सालों में सबसे अधिक बिक्री है। पिछले महीने यानी सितंबर 2020 में 5,997 और अक्टूबर 2019 में 5,811 यूनिट घरों की बिक्री हुई थी।
प्रॉपर्टी सलाहकार कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में हुए अक्टूबर महीने के दौरान 7,929 यूनिट आवासीय घरों की बिक्री हुई। अक्टूबर 2020 में 7,929 घरों के पंजीकरण के साथ, मुंबई के आवासीय क्षेत्र में पिछले 8 वर्षों में अक्टूबर के महीने में अब तक का सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन हुआ है। अक्टूबर 2020 में रजिस्ट्रेशन में मासिक दर पर 42 फीसदी और वार्षिक दर पर 36 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर 2020 में रजिस्ट्रेशन में यह वृद्धि सितंबर 2020 के दौरान मासिक 112 फीसदी और वार्षिक 39 फीसदी की उल्लेखनीय बढोतरी के बाद आई है।
घऱों की बिक्री में तेज बढ़ोत्तरी की वजह महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्टांप शुल्क में तीन फीसदी की कटौती और शेष का स्टांप शुल्क भवन निर्माताओं द्वारा अदा करने की वजह से हुई है। इसके अलावा सस्ते घर कर्ज और बिल्डरों की तरफ से मिल रहे लुभावने ऑफर खरीदारों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। सितंबर-अक्टूबर के दौरान स्टांप शुल्क में कटौती के बाद मुंबई में संचयी रूप से 13,526 यूनिट्स आवासों की बिक्री देखी गई है। स्टांप शुल्क में कटौती के बाद इस अवधि में मासिक औसत दर 2019 के मासिक औसत का करीब 120 फीसदी या 1.2 गुना है। स्टांप शुल्क में सितंबर 2020 में की गई कटौती के बावजूद अक्टूबर में राज्य सरकार के राजस्व संग्रहण में वृद्धि हुई है जो अगस्त के 176.4 करोड रुपये की तुलना में बढ़कर 232.8 करोड रुपये हो गया है।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा स्टांप शुल्क में की गई कटौती की सहायता से एमएमआर क्षेत्र में घरों की बिक्री में फिर से वृद्धि होने लगी है। स्टांप शुल्क में कमी से खास तौर पर मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं की ओर से मांग के निर्माण होने में महत्वपूर्ण रुप से मदद मिली है क्योंकि मध्यम आय वर्ग और नौकरी पेशा वाले उपभोक्ता इतने ज़्यादा समझदार हैं कि होम लोन की घटी हुई दरें, स्टांप शुल्क में कटौती के साथ डेवलपर द्वारा घर खरीदने वालों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि और छूट से ग्राहकों को अपनी खरीद में मिल रहे फायदे का अहसास हो गया। शिशिर बैजल के मुताबिक अर्थव्यवस्था में सुधार और त्यौहार की मांग के चलते मांग की गति जारी रहने की संभावना है। ऐसे लोग जिनके पास वित्तीय स्थिरता है वे इस समय को प्रॉपर्टी में निवेश करने के सबसे योग्य मौके के रुप में देख रहे हैं क्योंकि प्रवेश मूल्य बेहद आकर्षक है।
नाहर ग्रुप की वाइस-चेयरपर्सन एवं नारेडको की उपाध्यक्ष मंजू याग्निक कहती है सरकार और डेवलपर्स की तरफ से स्टैंप ड्यूटी में दी गई छूट का असर साफ तौर पर दिख रहा है। बाजार में सकारात्कम संकेत देखने को मिल रहे हैं इसीलिए हमने अपने प्रोजेक्टों में महज 10 फीसदी राशि देकर घर बुक कराने की योजना लागू की, शेष रकम घर लेते वक्त देने की छूट दी गई जिसका अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। इस समय ब्याज दरें कम हैं, स्टॉप ड्यूटी लगभग शून्य है और कीमतें स्थिर है जिसके कारण घर खरीदने का बेहतर समय है।
गौरतलब है कि अगस्त महीने में महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में मकान-दुकान की खरीद फरोख्त को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अचल सम्पत्तियों की बिक्री पर स्टाम्प शुल्क को तीन प्रतिशत घटाने का फैसला किया है। तीन प्रतिशत की कटौती इस वर्ष एक सितंबर से 31 दिसबर तक लागू रहेगी। अगले साल एक जनवरी से 31 मार्च के बीच यह छूट दो प्रतिशत रहेगी। महाराष्ट्र में पांच फीसदी स्टॉप ड्यूटी लगती थी जोकि इस समय एमएमआर क्षेत्र में महज दो फीसदी देनी पड़ रही है। बिक्री बढ़ाने के लिए ज्यादात्तर भवन निर्माता दो फीसदी स्टॉप ड्यूटी खुद भर रहे हैं जिसके कारण घर खरीदारों को स्टॉप ड्यूटी नहीं भरनी पड़ रही है।
लॉकडाउन की अवधि के दौरान खरीददारों को आकर्षित करने के लिए वित्तीय फायदे, छूट और आसान भुगतान के विकल्पों को शामिल कर डेवलपर्स द्वारा मार्केटिंग के तरीकों में सुधार किया है। इसके अलावा इस अवधि के दौरान ग्राहकों के साथ जुड़ने के लिए डिजिटल प्लैटफॉर्म के सक्रिय इस्तेमाल किए जाने के कारण खरीददारों का ध्यान खींचने में डेवलपर्स सफल रहे हैं। लॉकडाउन ने लोगों को उनके घरों के भीतर ही सीमित कर दिया था जहाँ घरों की चारदीवारी के अंदर ही ऑफिस, स्कूल/कॉलेज और घऱ की नियमित गतिविधियां संचालित हो रही थीं। इससे परिवारों को उनके घरों में अतिरिक्त कमरों की ज़रुरत महसूस हुई और एक बड़े घर के लिए अपग्रेड करने की माँग पैदा हुई जो इससे पहले एक आवश्यकता नहीं मानी जाती थी। यह सभी चीज़ें त्यौहार के मौसम के साथ चरम पर पहुँची जिससे बिक्री में अतिरिक्त प्रोत्साहन मिला। जो लोग फैसला नहीं कर पा रहे थे उन्हें भी अपने सपनों का घर खरीदने यह आकर्षक अवसर लगा और वे भी मार्केट में आ गए।
