एचसीसी समूह ने आज कहा कि उसने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) संग एक विवाद में जीत हासिल की है। इससे सुलह प्रक्रिया के तहत उसे एनएचएआई से 1,259 करोड़ रुपये मिलेंगे।
एचसीसी समूह के सीईओ अर्जुन धवन ने कहा, ‘इस सुलह प्रक्रिया से प्राप्त रकम का इस्तेमाल हमारी प्रमुख परियोजनाओं को पूरा करने और भविष्य में राष्ट्र निर्माण के कार्यों में एचसीसी की भागीदारी को मजबूत करने में किया जाएगा।’ एचसीसी ग्रुप की बुनियादी ढांचा विकास इकाई एचसीसी कंसेशंस ने बहरामपुर-फरक्का राजमार्ग लिमिटेड (बीएफएचएल) और फरक्का-रायगंज राजमार्ग लिमिटेड (एफआरएचएल) से संबंधित सभी विवादों के लिए एनएचएआई के साथ समझौते को अंतिम रूप दिया है।
कंपनी ने एक आधिकारिक बयान में कहा है, ‘एसपीवी ने दोनों पक्षों के बीच बकाया संबंधी सभी विवादों एवं दावों को व्यापक तौर पर निपटाने के लिए एनएचएआई के साथ निपटान समझौते किए हैं। इसके तहत बीएफएचएल को 405 करोड़ रुपये मिलेंगे जबकि एफआरएचएल को एनएचएआई से 854 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।’
एनएचएआई की परियोजना को पूरा करने में इस रकम के आंशिक इस्तेमाल के अलावा जेंडर ग्रुप के बाहर निकलने से भी लागत के दावे के लिए एचसीसी को उल्लेखनीय रकम प्राप्त होगी। जेंडर ग्रुप की एचसीओएन में 14.55 फीसदी हिस्सेदारी है। इस सुलह समझौते के तहत एफआरएचएल में एचसीओएन की हिस्सेदारी बिक्री के लिए क्यूब 233 करोड़ रुपये जारी करेगी। इसके अलावा 20 वर्षों की रियायत अवधि के शेष वर्षों के लिए एफआरएचएल के बढ़ते राजस्व में भी उल्लेखनीय साझेदारी की आवश्यकता होगी।