facebookmetapixel
GST कटौती का असर दिखना शुरू: खपत में तेजी और कुछ तिमाहियों तक बढ़ती रहेगी मांगविदेशी कोषों की बिकवाली और रुपये की कमजोरी का असर: शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ बंदनिवेशकों के लिए सुनहरा मौका: मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में फिर बन रही दमदार निवेश की संभावनाशेयर बाजार में IPO की धूम, कोरोना रेमेडीज की लिस्टिंग पहले ही दिन 34% उछाल के साथ हुई सुपरहिटEditorial: निर्यात पर निर्भरता के चलते चीन की टिकाऊ आर्थिक तेजी को गंभीर चुनौतीसरकार को विकास दर में तेजी और नागरिकों के जीवन स्तर के बीच संतुलन बनाए रखना होगाफ्री सुविधाओं पर राज्यों का जोर और शिक्षा की अनदेखी से हो सकता है दीर्घकालीन नुकसानस्मार्ट मनी या धीमा जहर? Options Trading का कड़वा सच, जो हर निवेशक को जानना जरूरी!Share Market: वैश्विक दबाव का बाजार पर असर, सेंसेक्स-निफ्टी मामूली गिरावट के साथ बंदKSH International IPO: GMP, डेट और प्राइस बैंड के साथ निवेश से पहले पूरी जानकारी

2022 के अंत तक 53-57 मिलियन वर्ग फुट ऑफिस स्पेस अब्सॉर्प्शन का अनुमान

Last Updated- December 11, 2022 | 3:36 PM IST

वैश्विक महामारी के बाद ऐक्टिविटी-आधारित वर्किंग, हॉट डेस्किंग और टारगेटेड मोबिलिटी को अपनाने में तेजी आई है। एक CBRE रिपोर्ट के अनुसार इस कारण से ऑफिस स्पेस अब्सॉर्प्शन के 2022 के अंत तक 5.3-5.7 करोड़ वर्ग फुट के आँकड़े को छू लेने की उम्मीद है। वहीं 2025 तक भारत के फ्लेक्सिबल स्पेस स्टॉक के 8 करोड़ वर्ग फुट पहुँच जाने का अनुमान है। 
 साल 2022 की दूसरी तिमाही में रिकॉर्ड लीजिंग ऐक्टिविटी देखी गई है। इससे सालाना आधार पर स्पेस टेक-अप में 220 फीसदी की वृद्धि हुई। वहीं पहली छमाही में इसमें 157 फीसदी की सालाना बढ़त देखी गई। पहली छमाही में स्पेस टेक-अप में टेक्नॉलजी कंपनियों की भागीदारी 30 फीसदी रही। 

 CBRE की एक रिसर्च के अनुसार 73 फीसदी वर्कप्लेस हायब्रिड वर्किंग की अनुमति देते हैं। वहीं 18 फीसदी केवल ऑफिस से काम करवाते हैं। 6 फीसदी वर्कप्लेस रिमोट वर्किंग की अनुमति देते है। फ्लेक्सिबल स्पेस ऑपरेटरों का ऑफिस लीजिंग में 60 लाख वर्ग फुट का योगदान रहा। लेकिन 2025 तक इसके 8 करोड़ वर्ग फुट तक पहुंचने का अनुमान है क्योंकि अब कर्मचारियों के लिए कोविड-पूर्व स्थिति में लौटना आसान नहीं होगा। 

 CBRE के भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका चेयरमैन और सीईओ अंशुमन मैगजीन ने कहा कि भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र ने 2022 की पहली छमाही में  में विकसित बाजार की गतिशीलता के बीच अच्छा प्रदर्शन किया। हाइब्रिड वर्किंग मोड सबसे पसंदीदा कार्यस्थल बना हुआ है।

लेकिन अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों में मंदी का असर भारतीय ऑफिस मार्केट में भी महसूस किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनका अनुमान है कि फ्लेक्सिबल प्लेस जैसे वैकल्पिक प्रयोग नए समय के रियल एस्टेट समाधानों का मार्ग प्रशस्त करेंगे और आर्थिक विकास में योगदान देंगे।

उन्होंने आगे कहा कि सभी प्रमुख शहरों के माइक्रो मार्केट में किराया 1 से 5 फीसदी बढ़ा है।  वहीं 2022 की पहली दो तिमाहियों में कुछ स्थानों के लिए किराए में 6 से 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

 

First Published - September 14, 2022 | 9:33 PM IST

संबंधित पोस्ट