केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज ज्यादा कर संग्रह के लिए कर का दायरा बढ़ाने पर जोर दिया, जिससे कि सामाजिक आर्थिक योजनाओं को चलाया जा सके, जो केंद्र व राज्य सरकारें चलाती हैं।
नए आयकर भवन का उद्घाटन करने के मौके पर सीतारमण ने कहा, ‘बड़ी संख्या में करदाता का मतलब ज्यादा कर संग्रह होता है, जिससे विकास के लिए धन मिलता है।’
व्यक्तिगत आयकर और कॉर्पोरेशन टैक्स मिलाकर प्रत्यक्ष कर के 6 करोड़ रिटर्न दाखिल हुए हैं। आयकर विभाग की वेबसाइट के मुताबिक आकलन वर्ष 2021-22 के लिए 21 नवंबर तक 2.66 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं।
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि शुरुआती तकनीकी बाधाओं के बाद अब आयकर पोर्टल सरलता से चल रहा है और रोजाना 3 लाख रिटर्न दाखिल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने लक्ष्य रखा है कि यह बढ़कर रोजाना 20 से 25 लाख हो जाएगा और उसके बाद आंकड़े 3 करोड़ तक पहुंच सकेंगे।’ उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था विकसित की जा रही है, जिससे करदाता की सभी आमदनी और व्यय की गणना स्वत: पुष्टि के लिए हो जाएगी।
राजधानी लखनऊ के एक और कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा कि अगले 2 साल तक ज्यादा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह महत्त्वपूर्ण है जिससे आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य हासिल हो सके। चालू वित्त वर्ष में जून को छोड़कर जीएसटी संग्रह हर महीने अक्टूबर तक 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है।
देश में कर बढ़ोतरी तेज रहने का उल्लेख करते हुए सीतारमण ने कहा कि राज्यों को कर विभाजन बेहतर है और केंद्र सरकार ने मार्च का अग्रिम भुगतान किया था, जिसे कि चल रही परियोजनाओं पर कोई असर न पड़े।
बजाज ने कहा कि हालांकि राजस्व संग्रह संतोषजनक है, लेकिन आने वाले महीने अहम हैं। उन्होंने कहा, ‘अग्रिम कर फाइलिंग अगले महीने गति पकड़ेगा और यह ऐसी अवधि है जब अधिकतम राजस्व का सृजन होता है। बुनियादी ढांचा, विकास और सामाजिक सुरक्षा की परियोजनाओं के वित्तपोषण में इस राजस्व से मदद मिलती है।’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाध ने कर अधिकारियों से कहा कि कर का दायरा और संग्रह बढ़ाने के लिए कर प्रक्रिया सरल होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘लोग कर का भुगतान करना चाहते हैं, लेकिन जटिलता की वजह से बचते हैं। केंद्र ने प्रक्रिया को सरल किया है, लेकिन आगे इसे और सरल किया जाना चाहिए। प्रक्रिया के सरलीकर से कर राजस्व बढ़ेगा और कर चोरी को रोका जा सकेगा।’
बजाज ने कर अधिकारियों से जोर देकर कहा कर की प्रक्रिया तार्किक बनाएं,जिससे कि करदाताओं के लिए यह आसान हो सके और कर संग्रह में बढ़ोतरी हो सके।
सीतारमण ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कर संग्रह में बहुत ज्यादा सुधार आया है और केंद्र व राज्य सरकार के तालमेल के साथ कवायदों के कारण ऐसा संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रत्यक्ष कर रिटर्न फाइलिंग 2016 के 3,80,000 से बढ़कर मार्च 2021 में 21.8 लाख हो गया है, जिससे संकेत मिलता है कि इस इलाके में आर्थिक गतिविधियों की व्यापक संभावनाएं हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम किया है और यह तभी संभव है जब कर से आमदनी बढ़े।
