केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार से आज कहा कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियो के पृथक् वास यानी आइसोलेशन के लिए वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नियमों के मुताबिक ही अपने आदेश जारी करे। राज्य सरकार ने कोरोनावायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से चिंतित होकर अलग दिशानिर्देश जारी किए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखकर विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए राज्य के क्वारंटीन दिशानिर्देशों और कोविड जांच नीति को संशोधित कर केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के अनुरूप बनाने का आग्रह किया है। महाराष्ट्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र के हस्तक्षेप के बाद इस मुद्दे पर उच्च स्तर पर चर्चा की जा रही है।
कोरोनावायरस की ओमीक्रोन किस्म सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि अधिक जोखिम वाले देशों से आने वाले सभी यात्रियों की हवाई अड्डे पर अनिवार्य कोविड जांच की जाए। इसके साथ अन्य देशों से आने वाले यात्री 14 दिन तक अपने स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे और इन यात्रियों में से 2 फीसदी का औचक आरटी-पीसीआर किया जाएगा।
नए नियम के तहत दिल्ली और बेंगलूरु में आज तकरीबन एक-एक हजार यात्रियों की कोविड जांच की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच के संबंध में स्पष्टीकरण भी जारी किया है। मगर महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से इतर ज्यादा सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। राज्य सरकार के नियमों के अनुसार उच्च जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों को अनिवार्य तौर पर सात दिन तक संस्थागत क्वारंटीन में रहना होगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने घरेलू हवाई यात्रियों के लिए भी आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट साथ लाने का नियम फिर से बहाल कर दिया है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप व्यास को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने केंद्र और राज्य के नियमों में चार विसंगतियों का उल्लेख किया है।
