मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने आज बहुस्तरीय संपर्क प्रदान करने के लिए गति शक्ति या राष्ट्रीय मास्टर प्लान को मंजूरी दी, जिसमें इसके संस्थागत ढांचे के साथ इसे लागू करने की योजना शामिल है।
निगरानी में तीन स्तरीय व्यवस्था होगी- सचिवों का अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस), नेटवर्क योजना का समूह (एनपीजी) और तकनीकी समर्थन इकाई (टीएसयू)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में इसका मास्टर प्लान पेश किया था, उसके एक सप्ताह बाद यह मंजूरी मिली है।
ईजीओएस के प्रमुख कैबिनेट सचिव होंगे और इसमें 18 मंत्रालयों के सचिव शामिल होंगे। लॉजिस्टिक्स डिवीजन के प्रमुख इसके संयोजक होंगे।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘ईजीओएस को पीएम गतिशक्ति एनएमपी को लागू करने की समीक्षा और इसकी निगरानी करनी होगी, जिससे लॉजिस्टिक्स कुशलता सुनिश्चित हो सके। इसे तय ढांचे में शक्तियां दी गई हैं और इसके मानक एनएमपी में संशोधनों के मुताबिक तय होंगे।’
इसमें कहा गया है, ‘ईजीओएस विभिन्न गतिविधियों में तालमेल बिठाने के लिए प्रक्रिया संबंधी और निर्णायक ढांचा भी तय करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए की गई विभिन्न पहल साझा एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म का हिस्सा हों।’
पैनल विभिन्न मंत्रालयों की जरूरतों के मुताबिक बल्क सामानों जैसे स्टील, कोयला, उर्वरक के अलावा अन्य वस्तुओं का का प्रभावी परिवहन भी सुनिश्चित करेगा। डिजिटल पोर्टल गति शक्ति प्रशासन का साधन है, जिसका मकसद देश में मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट सुविदा विकसित करना है। बहरहाल इस समय यह बेटा मोड में है और जल्द ही इसे शुरू किए जाने की संभावना है।
सीसीईए ने एनपीजी के गठन, उसकी संरचना व सेवा शर्तों को मंजूरी दे दी है, जिसमें संबंधित मंत्रालयों के नेटवर्क प्लानिंग विंग के प्रमुख शामिल होंगे। एनपीजी, ईजीओएस की सहायता भी करेगी। तीसरा निगरानी समूह टीएसयू में विभिन्न बुनियादी ढांचा क्षेत्रों जैसे उड्डयन, जल परिवहन, सार्वजनिक परिवहन, रेल, सड़क और राजमार्ग, बंदरगाह के क्षेत्र विशेषज्ञ और विषय मामले के विशेषज्ञों (एसएमई) के साथ शहरी परिवहन, बिजली पाइपलाइन आदि क्षेत्र के जानकार शामिल होंगे।
