केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज संशोधित और विस्तारित मध्याह्न भोजन योनजा को मंजूरी दे दी, जिसे नैशनल स्कीम फॉर प्राइम मिनिस्टर पोषण नाम दिया गया है। इस योजना के तहत 5 साल के लिए 1,30,794.90 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, जो 2020-21 से शुरू होगी। इसमें से केंद्र की हिस्सेदारी करीब 1,00,000 करोड़ रुपये होगी, जो 5 सालों में बंटी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि यह योजना 5 वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिए है जिसपर 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च आएगा। केंद्र सरकार 99,061 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगी, जिसमें खाद्यान्न की लागत भी शामिल है। उन्होंने बताया कि अभी तक देश में मध्याह्न भोजन योजना चल रही थी और मंत्रिमंडल ने इसे नया स्वरूप दिया है । सीसीईए ने इसे पीएम पोषण योजना के रूप में मंजूरी दी है। प्रधान ने कहा कि पीएम पोषण योजना के दायरे में बाल बाटिका (प्री स्कूल) के बच्चे भी आएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से आग्रह किया गया है कि रसोइयों, खाना पकाने वाले सहायकों का मानदेय प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दिया जाए। इसके अलावा स्कूलों को भी डीबीटी के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी जाए ।