अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसंट ने आज आगाह किया कि अगर शुक्रवार को अलास्का में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बीच यूक्रेन पर बातचीत विफल हो जाती है तो भारत पर सेकंडरी या अतिरिक्त शुल्क और बढ़ाया जा सकता है। बेसंट ने यूरोपीय संघ (ईयू) से भी भारत पर इसी तरह का सेकंडरी शुल्क लगाने का अनुरोध किया।
बेसंट ने ब्लूमबर्ग टेलीविजन के साथ बातचीत में कहा, ‘हमने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है और अगर चीजें ठीक नहीं होती हैं (ट्रंप-पुतिन बैठक में) तो प्रतिबंध या अतिरिक्त शुल्क बढ़ सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘ट्रंप पुतिन मिल रहे हैं और यूरोपीय देश इस बात पर बहस कर रहे हैं कि उन्हें क्या और कैसे करना चाहिए। यूरोपीय देशों को इन प्रतिबंधों में हमारा साथ देना होगा। यूरोपीय देशों को ये सेकंडरी प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार रहना होगा।’
चीन के रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार होने के बारे में पूछे जाने पर बेसंट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ट्रंप पुतिन से कह सकते हैं कि सभी विकल्प खुले हैं। उन्होंने कहा, ‘ प्रतिबंध बढ़ाए जा सकते हैं, उनमें ढील दी जा सकती है या उनकी निश्चित अवधि तय की जा सकती या फिर वे अनिश्चित काल तक जारी रह सकते हैं।’
इससे पहले फॉक्स बिज़नेस को दिए साक्षात्कार में बेसंट ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में ‘थोड़ा अड़ियल’ रहा है।
अमेरिका द्वारा 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने के बाद कुल शुल्क 50 फीसदी हो जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने 6 अगस्त को इसे अनुचित और अविवेकपूर्ण करार दिया था और कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगा।
इस बीच मुंबई में एक कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिकी शुल्क संबंधी चुनौतियां अगली एक या दो तिमाहियों में समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वे और अधिक प्रयास करें क्योंकि देश अन्य दीर्घकालिक चुनौतियों से निपट रहा है। नागेश्वरन ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि मौजूदा स्थिति एक या दो तिमाही में सुधर जाएगी। मुझे नहीं लगता कि लंबे समय में भारत पर इसका कोई खास असर होगा मगर अल्पावधि में इसका थोड़ा असर हो सकता है।’
इस महीने के अंत में व्यापार वार्ता के लिए अमेरिकी अधिकारियों के भारत आने की अटकलों के बीच नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बीच अलास्का में होने वाली आगामी बैठक इस वार्ता के नतीजों को प्रभावित कर सकती है।