विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके नेपाली समकक्ष एनपी सउद ने गुरुवार को ‘‘व्यापक एवं सार्थक बातचीत’’ की और इस दौरान दोनों देशों के बीच अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। जयशंकर दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को यहां पहुंचे। वर्ष 2024 में जयशंकर की यह पहली विदेश यात्रा है।
जयशंकर ने सउद के साथ भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बातचीत हमारे समग्र द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार और आर्थिक संबंधों, भूमि, रेल एवं हवाई संपर्क परियोजनाओं, रक्षा और सुरक्षा में सहयोग, कृषि, ऊर्जा, बिजली, जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, पर्यटन, नागरिक उड्डयन, लोगों के बीच संपर्क पर केंद्रित रही।’’
दोनों नेताओं ने सीमा पार तीन पारेषण लाइन का भी संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।
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नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों, कनेक्टिविटी, व्यापार और पारगमन, बिजली और जल संसाधन, शिक्षा, संस्कृति और राजनीतिक मामलों पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने इससे पहले नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ से शिष्टाचार मुलाकात की।
प्रधानमंत्री प्रचंड की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच बिजली निर्यात पर सहमति बनी थी। प्रचंड पिछले साल 31 मई से तीन जून तक भारत यात्रा पर थे। उस समय दोनों पक्षों ने कई प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे, जिनमें पड़ोसी देश से भारत के बिजली आयात को अगले 10 वर्ष में मौजूदा 450 मेगावाट से बढ़ाकर 10,000 मेगावाट करने का समझौता भी शामिल था।