वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका द्वारा भारत को करेंसी मैनिपुलेटर निगरानी सूची में रखना भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत फैसले में अतिक्रमण है।
उन्होंने कहा, ‘व्यक्गित रूप से मुझे इसके पीछे की तार्किकता या आर्थिक तर्क समझ में नहीं आ रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय बैंक का यह अधिकार है कि वह मुद्रा को स्थिरता प्रधान करे, जिसके लिए केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा खरीदते और बेचते हैं। हमारा कुल मिलाकर भंडार 500 से 600 अरब डॉलर का हो गया है। हम भंडार जमा नहीं कर रहे हैं। हमारे पास भंडार का एक स्थिर पैटर्न है, जो बाजार में लेन देन के आधार पर घटता बढ़ता रहता है। विदेशी एक्सचेंज बाजार में केंद्रीय बैंक की गतिविधि पूरी तरह से संतुलित और पूरी तरह से कानूनी रही है और यह दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा स्वीकार्य मौद्रिक नीति के मुताबिक है।’
निर्यात का परिदृश्य
वाणिज्य सचिव ने कहा कि उन्हें चालू वित्त वर्ष में निर्यात में तेज वृद्धि की उम्मीद है, भले ही कोविड की दूसरी लहर के कारण व्यवधान आया है। उन्होंने कहा, ‘मैं इस मामले पूरी तरह सकारात्मक हूं और उम्मीद करता हूं कि 2021-22 में हम ठोस धनात्मक क्षेत्र में रहेंगे।’
वित्त वर्ष 21 में वाणिज्यक व सेवा क्षेत्र का कुल मिलाकर निर्यात 6.66 प्रतिशत सिकुड़ा है और यह 493.19 अरब डॉलर रहा। महामारी के कारण पिछले अप्रैल में भारी गिरावट के बाद धीरे धीरे रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। पूरे साल के दौरान व्यापार घाटा कम होकर 12.74 अरब डॉलर रह गया, जबकि वित्त वर्ष 20 में 77.76 अरब डॉवलर था।
कंटेनर की कमी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के लॉजिस्टिक्स डिवीजन में विशेष सचिव पवन अग्रवाल ने कहा कि देश में कंटेनर की कमी अब घटी है। उन्होंने कहा कि मार्च महीने में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 58 प्रतिशत अतिरिक्त निर्यात किया गया है। कंटेनर शिपिंग लाइंस एसोसएिशन (इंडिया) के मुताबिक मार्च 2019 की तुलना में यह करीब 17-18 प्रतिशत ज्यादा था।
अग्रवाल ने कहा कि कंटेनरों की उपलब्धता में सुधार के लिए भारत घरेलू कंटेनरों के विनिर्माण पर विचार कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘कॉनकोर ने पहले ही भेल और ब्रेथवेट ऐंड कंपनी लिमिटेड को 2,000 कंटेनर के लिए ऑर्डर कर दिया है। स्टील विनिर्माताओं के साथ कोर-टेन स्टील उत्पादन के लिए पहल करने पर चर्चा हो रही है। इसके अलावा रेलवे वैगन मैन्युफैक्चरर्स, भेल, प्राइवेट मैन्युफैक्चरर्स डीसीएम हुंडई, बालमेर ऐंड लॉरी आदि से स्वदेशी कंटेनर विनिर्माण के लिए उत्पादन संयंत्र स्थापित करने पर चर्चा हो रही है।’
