अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने शुक्रवार को (भारतीय समयानुसार) कहा कि अमेरिका उस जंग में शामिल नहीं होगा, जो उसकी जिम्मेदारी नहीं है।
फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में वेंस ने कहा कि भारत और पाकिस्तान जैसे परमाणु हथियारों से लैस देशों को अमेरिका नियंत्रित नहीं कर सकता, लेकिन वह दोनों के बीच तनाव कम करने की अपील जरूर कर सकता है।
उनका यह बयान उस वक्त आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। बुधवार सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में मौजूद आतंकी ठिकानों पर एक साथ नौ जगहों पर मिसाइल हमला किया था। इस अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है।
अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है और दोनों देशों से स्थिति को शांत करने की अपील की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन की ओर से एक अधिकारी वेंस ने कहा कि अमेरिका इन देशों को नियंत्रित नहीं कर सकता, लेकिन कोशिश यही है कि हालात बिगड़ें नहीं।
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उन्होंने कहा, “भारत की पाकिस्तान से शिकायतें हैं और पाकिस्तान ने भी जवाब दिया है। हम इन देशों से बस इतना ही कह सकते हैं कि वे तनाव को कम करें। पर अमेरिका इस युद्ध के बीच में नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह हमारी सीमा के बाहर की बात है और हमारे नियंत्रण से बाहर है।”
वेंस ने आगे कहा, “हम न तो भारत को हथियार छोड़ने को कह सकते हैं और न ही पाकिस्तान को। हमारी कोशिश है कि हम कूटनीतिक माध्यमों से इस मसले को हल करने की कोशिश करें। हमें उम्मीद है कि यह तनाव एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध या परमाणु संघर्ष में नहीं बदलेगा। लेकिन हां, इसको लेकर हमारी चिंता जरूर है।”
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ से गुरुवार को अलग-अलग बातचीत की। उन्होंने दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ते तनाव पर चिंता जताई और कहा कि अब तत्काल तनाव कम करने की जरूरत है। साथ ही अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की खुलकर पैरवी की।
रुबियो ने पाकिस्तान से दो टूक कहा कि वह आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना तुरंत बंद करे और इस पर सख्त कदम उठाए।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इस हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जवाबी कार्रवाई की।
घटना के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते और बिगड़ गए और तनाव और गहराता चला गया। 7 मई को एक और हमले के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी गोलाबारी की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में 16 नागरिकों की मौत हो गई।
यह स्थिति दोनों देशों के बीच गहरे होते टकराव की ओर इशारा कर रही है, जिस पर अमेरिका ने मध्यस्थता की पेशकश करते हुए दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया है। उन्होंने मिसाइल हमलों को “आत्मरक्षा के अधिकार के तहत लिया गया सही और जरूरी कदम” बताया। मिस्री ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई है।