पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान से तनाव घटाने की अपील की है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार (8 मई) को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज शरीफ से अलग-अलग बातचीत की।
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि रुबियो ने दोनों देशों से तत्काल तनाव कम करने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही, अमेरिका ने यह भी दोहराया कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता है।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई है और पाकिस्तान से आतंकियों को समर्थन देना बंद करने की अपील की है।
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, “विदेश मंत्री ने तुरंत तनाव कम करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।” उन्होंने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान से ठोस कदम उठाने की मांग की ताकि आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना बंद किया जा सके।
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पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी। इस पर अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की और हमले पर शोक जताया। उन्होंने कहा, “रुबियो ने इस भयानक आतंकी हमले पर गहरा दुख जताया और भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देने की प्रतिबद्धता दोहराई।”
इस बातचीत की पुष्टि एस. जयशंकर ने भी की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “आज शाम अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो से बात हुई। भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं।” जयशंकर ने आगे लिखा, “भारत ने सीमापार आतंकवाद के खिलाफ निशाने पर रखकर सीमित जवाब दिया है। किसी भी उकसावे का मजबूती से जवाब देंगे।”
अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात कर क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने पाकिस्तान से अपने भूभाग पर सक्रिय आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई करने की अपील की।
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यह कूटनीतिक बातचीत ऐसे समय में हुई है जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह सैन्य कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी।
इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर अंधाधुंध गोलाबारी शुरू कर दी, जिससे तनाव और अधिक बढ़ गया है।