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ऐतिहासिक भूल था सिंधु जल समझौता: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

चौहान ने कहा कि इन योजनाओं के जरिए किसानों, विशेषकर सीमावर्ती राज्यों के किसानों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

Last Updated- May 08, 2025 | 11:13 PM IST
Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan directed officials to be prepared to assist farmers in bordering states with sowing operations. (Photo: PTI)
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान | फाइल फोटो

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दिए गए पानी का इस्तेमाल करने के लिए सरकार अल्प, मध्य और दीर्घकालिक योजनाएं बनाएगी। चौहान ने कहा कि इन योजनाओं के जरिए किसानों, विशेषकर सीमावर्ती राज्यों के किसानों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित रखना देश के हित में ऐतिहासिक निर्णय है। केंद्र सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। 

केंद्रीय मंत्री ने पाकिस्तान के साथ 1960 के इस समझौते को तत्कालीन सरकार की ‘ऐतिहासिक भूल’ करार देते हुए कहा कि इसके कारण पड़ोसी देश ने अधिकतम पानी का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने किसानों से एक महत्त्वपूर्ण तथ्य साझा करना चाहता हूं। एक ऐतिहासिक गलती हुई थी और वह थी 1960 में सिंधु जल समझौता।’

कृषि मंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस समझौते के कारण सिंधु, चिनाब और झेलम सहित भारतीय नदियों का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान चला जाता है। चौहान ने कहा, ‘सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अल्पकालिक, मध्यम अवधि की और दीर्घकालिक योजनाएं बनाएगी कि पानी की प्रत्येक बूंद का उपयोग हमारे किसानों द्वारा किया जाए।’ 

उन्होंने कहा कि इस समझौते को स्थगित किया जाना किसान समुदाय के हित में है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस समझौते के स्थगित होने से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश जैसे सीमावर्ती राज्यों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के किसानों को सिंचाई के लिए अधिक पानी मिलेगा।  भाषा

First Published - May 8, 2025 | 10:51 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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