World Economic Forum: स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच का शिखर सम्मेलन सोमवार से शुरू हो रहा है। इस सम्मेलन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, टाटा समूह के एन चंद्रशेखरन, जेएसडब्ल्यू समूह के सज्जन जिंदल और आदित्य बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला सहित भारतीय उद्योग जगत के तमाम दिग्गज भाग लेंगे। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की शुल्क संबंधी धमकियां भारत पर भी मंडरा रही हैं।
ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार ट्रंप संभवत: विश्व आर्थिक मंच को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे। वह इस सम्मेलन के प्रतिभागियों के साथ वीजा सहित अपनी आर्थिक योजनाओं के बारे में भी बात कर सकते हैं। सम्मेलन में इन्फोटेक उद्योग का प्रतिनिधित्व टीसीएस के मुख्य कार्याधिकारी के कृत्तिवासन और विप्रो के कार्यकारी अध्यक्ष रिशद प्रेमजी करेंगे। इन्फोटेक उद्योग अमेरिका के निवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्वारा भारतीय आईटी कर्मचारियों के लिए वीजा में संभावित कटौती के बारे में काफी चिंतित है। वीजा में कटौती करने के लिए अमेरिकी सरकार द्वारा किया जाने वाला कोई भी बदलाव भारतीय कंपनियों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा।
अमेरिका का एच-1बी वीजा कार्यक्रम लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। इसके तहत अमेरिकी कंपनियों को खास क्षेत्रों में कुशल विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने में मदद मिलती है। अगर ट्रंप इस नीति में किसी भी तरह का बदलाव करते हैं तो उससे भारत के 250 अरब डॉलर के कारोबार वाले आईटी क्षेत्र पर असर पड़ेगा। इसलिए इस शिखर सम्मेलन में भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों द्वारा इस मुद्दे पर भी चर्चा किए जाने की संभावना है।
दावोस शिखर सम्मेलन में स्टार्टअप जगत का प्रतिनिधित्व पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा और जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत करेंगे। दिलचस्प है कि रिलायंस फाउंडेशन की नीता अंबानी, आकाश अंबानी, अनंत अंबानी और ईशा अंबानी सहित पूरा अंबानी परिवार दावोस यात्रा पर जा रहा है।
भारतीय बीएफएसआई क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ऐक्सिस बैंक के सीईओ अमिताभ चौधरी और बजाज फिनसर्व के सीएमडी संजीव बजाज करेंगे। गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन नादिर गोदरेज और एस्सार समूह के निदेशक प्रशांत रुइया ने भी विश्व आर्थिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि की है।
भारत अपने आकार, विस्तार और स्थिति के मद्देनजर दावोस में एक प्रमुख ताकत के तौर पर मौजूद रहेगा। रुइया ने कहा, ‘हम इस प्रतिष्ठित मंच को साझा करने के लिए उत्सुक हैं। वहां हम बताएंगे कि एस्सार समूह किस तरह प्रधानमंत्री के विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान दे रहा है और ब्रिटेन सरकार के स्वच्छ ऊर्जा मिशन में भागीदार बन रहा है। हमें उम्मीद है कि वहां वैश्विक मुद्दों पर नई सोच के अलावा ताजा रुझान एवं भविष्य के रुख के बारे में बेहतरीन प्रतिभाओं से बातचीत करने का अवसर मिलेगा।’
भारतीय उद्योग जगत के इस प्रतिनिधिमंडल में केंद्र सरकार के शीर्ष नेता और राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। वे एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में भारत को आगे बढ़ाना चाहते हैं।