ऋण संकट और चीन से लिए गए कर्ज को चुकाने में जूझ रहे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोमवार को हिंद महासागर द्वीपसमूह को आर्थिक सहायता की पेशकश के लिए भारत का आभार जताया है। दोनों देशों ने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर भी बातचीत के लिए हामी भरी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और मालदीव के मौद्रिक प्राधिकरण (मालदीव्स मॉनिटरी अथॉरिटी) के बीच सोमवार को मुद्रा विनिमय व्यवस्था (करेंसी स्वैप) को लेकर एक समझौता हुआ है। वर्ष 2024-47 के लिए सार्क मुद्रा विनिमय ढांचा के अंतर्गत दोनों पक्षों के बीच इस समझौते पर हुस्ताक्षर हुए हैं।
नई दिल्ली में हुए समझौते के अनुसार मालदीव को 40 करोड़ डॉलर तक अमेरिकी डॉलर/यूरो मुद्रा विनिमय विकल्प और भारतीय रुपया विनिमय विकल्प के तहत 30 अरब रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह व्यवस्था 18 जून 2027 तक प्रभावी रहेगी। सार्क मुद्रा विनिमय ढांचा 15 नवंबर, 2012 को अस्तित्व में आया था। इसका मकसद भुगतान संकट या विदेशी मुद्राओं की कमी का सामना कर रहे सार्क के सदस्य देशों को अल्प अवधि के लिए विदेशी मुद्रा उपलब्ध कराना है। एक अधिक वित्तीय व्यवस्थाएं स्थापित होने तक यह ढांचा फिलहाल काम करता रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव में रुपे कार्ड भी जारी किया। इसके अलावा हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए रनवे का उद्घाटन किया और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जताई। मोदी ने कहा, ‘आने वाले समय में हम भारत और मालदीव को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से जोड़ने की दिशा में भी काम करेंगे।’
मालदीव का कर्ज उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 110 फीसदी होने का अनुमान है। इस साल की शुरुआत में भारत ने मई और सितंबर में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए10 करोड़ डॉलर ट्रेजरी बिल को एक साल के लिए बढ़ाने की सहमति देकर मालदीव की मदद की थी।
हैदराबाद हाउस में मोदी के साथ बातचीत के बाद मुइज्जू ने कहा, ‘मैं 40 करोड़ डॉलर तक अमेरिकी डॉलर विनिमय विकल्प और भारतीय रुपया विनिमय विकल्प के तहत 30 अरब रुपये वित्तीय सहायता प्रदान करने के भारत सरकार का आभारी हूं, इससे हमारी मदद होगी।’
हालांकि, बाद में विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि याराना जारी रहेगा। ऋण संकट गहराने के चलते मालदीव के राष्ट्रपति को भारत से संपर्क करना पड़ा है। भारत यात्रा के दिन करीब आने के साथ ही मुइज्जू ने कहा कि उन्होंने भारत का प्रतिरोध कभी नहीं किया और भारत यह समझता है कि उनका देश किस तरह के वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है और यह मदद करने के लिए इच्छुक भी है।
जनवरी में दोनों देशों के संबंधों में खटास तब बढ़ गई जब मालदीव के एक उप मंत्री ने सोशल मीडिया पर मोदी का मजाक बनाया जिसके बाद प्रतिक्रिया के तौर पर कई सेलेब्रिटी सहित भारतीयों ने इस द्वीप के पर्यटन क्षेत्र का बायकॉट करने की अपील करनी शुरू कर दी।
भारत के विदेश सचिव ने कहा कि भारत और मालदीव के संबंध कई अहम स्तंभों पर टिके हैं। जब विदेश सचिव से मुद्रा की अदला-बदली समझौते के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, ‘विचार यह है कि मालदीव के विदेशी मुद्रा भंडार को संभाला जाए और इसके मौजूदा विदेशी विनिमय में आत्मविश्वास लाने की जरूरत है।’
दोनों पक्ष थाइलाफुशी द्वीप पर एक व्यावसायिक बंदरगाह का विकास करने के लिए सहयोग करने पर सहमत हो गए हैं जहां से बढ़े हुए कार्गो का प्रबंधन किया जाएगा ताकि माले बंदरगाह की भीड़ छंट सके। दोनों नेताओं ने ट्रांसशिपमेंट सुविधा के विकास के लिए भी सहयोग करने पर सहमति जताई है।
उन्होंने हनीमाधु और गैन हवाईअड्डे की पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने पर सहमति जताई है जिन्हें भारत के सहयोग से तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा ‘कृषि आर्थिक क्षेत्र’ स्थापित करने के साथ ही हा धालु में पर्यटन निवेश और हा अलिफु में भारत के सहयोग से फिश प्रोसेसिंग संयंत्र भी बनाया जाना है। दोनों नेताओं ने मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता की पहल करने पर भी सहमति जताई।