ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (OVL) वेनेजुएला में अटके लाभांश के बदले अधिक कच्चे तेल की प्राप्ति के लिए अग्रिम स्तर पर बातचीत कर रही है। यह जानकारी ओवीएल के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी (CEO) राजर्षि गुप्ता ने इंडिया एनर्जी वीक (IEW) 2024 के इतर संवाददाताओं को दी।
गुप्ता ने बताया, ‘हमने वेनेजुएला से प्रतिबंध हटाए जाने के बाद लाभांश के बदले कच्चा तेल लिया है। हम वेनेजुएला सरकार से उनके देश में अटके हुए लाभांश के बदले तेल प्राप्त करने के लिए अग्रिम स्तर की बातचीत कर रहे हैं। इससे हमें खेप मिलने पर नकदी मिलेगी और परियोजनाओं का परिचालन मिलने से उत्पादन बढ़ेगा।’
OVL ने 2008 में वेनेजुएला के सैन क्रिस्टोबल फील्ड में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की थी और इस परियोजना में शेष हिस्सेदारी वेनेजुएला की सरकारी स्वामित्व वाली पीडीवीएसए की है। ओवीएल ने बताया कि इस परियोजना का करीब 60 करोड़ डॉलर का लाभांश बकाया है।
अमेरिका ने अक्टूबर 2024 में वेनेजुएला पर लगाए गए प्रतिबंध हटा लिए थे। यह प्रतिबंध वेनेजुएला में समाजवादी निकोलस मादुरो की सरकार 2018 में वापस आने के बाद इसी वर्ष में लगा दिए गए थे।
उन्होंने बताया, ‘इन दोनों परियोजनाओं में अधिक उत्पादन करने के लिए अधिक निवेश किए जाने की जरूरत है। हमें अमेरिकी डॉलर के मूल्य में ज्यादा कुछ हासिल नहीं होगा। विश्व में सबसे ज्यादा कच्चे तेल के प्रामाणिक भंडार वेनेजुएला में हैं।’
कंपनी मोजाम्बिक में गैस परियोजनाओं पर आगे बढ़ रही है। ओवीएल की 18 देशों में उपस्थिति है। गुप्ता ने बताया कि विश्व में कई परियोजनाओं का अधिग्रहण करने के लिए ओवीएल कार्य कर रहा है।
गुप्ता ने कहा, ‘इंडिया ब्रांड अपने उच्चतम स्तर पर है। मैं विश्व के किसी भी सीईओ को फोन कर सकता हूं और कोई भी दरवाजा खोल सकता हूं।’