facebookmetapixel
दिसंबर 2026 तक 1,07,000 पहुंच सकता है सेंसेक्स, मॉर्गन स्टेनली का बुल-केस अनुमान; लेकिन ये हैं बड़े खतरे₹2 लाख करोड़ आ सकते हैं भारत में! ब्लूमबर्ग जल्द कर सकता है बड़ा ऐलानDelhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण आपातकाल, AQI 600 पार; GRAP स्टेज 4 से कड़े नियम लागूअगर आपने SBI YONO ऐप में आधार अपडेट नहीं किया तो क्या होगा? जानें पूरी सच्चाईEmmvee Photovoltaic IPO की फ्लैट लिस्टिंग, निवेशकों को नहीं मिला लिस्टिंग गेन; शेयर ₹217 पर लिस्ट₹20 लाख की कारें धड़ाधड़ बिक रही हैं… भारतीय कर रहे धुआंधार खरीदारी, क्या है वजह?PhysicsWallah Share: ₹145 पर लिस्टिंग के बाद 12% उछला, प्रॉफिट बुक करना सही रहेगा या लॉन्ग टर्म के लिए करें होल्ड?JioFinance ऐप लाया नया फीचर, अब एक जगह ट्रैक कर सकेंगे अपना पूरा फाइनैंस150 नई स्कीमें! आखिर क्यों पैसिव फंड्स पर इतने आक्रामक हो गए म्युचुअल फंड हाउस?Tata Stock समेत इन दो शेयरों पर ब्रोकरेज बुलिश, ₹8,200 तक के दिए टारगेट्स

भारत-चीन ने पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर सैन्य वार्ता की; किसी समाधान का संकेत नहीं

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष समाधान के आगे के तरीकों पर उचित सैन्य और राजनयिक तंत्र के माध्यम से संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए।

Last Updated- February 21, 2024 | 8:38 PM IST
China India

भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में साढ़े तीन साल से अधिक पुराने सीमा विवाद को हल करने के लिए नए दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता की जिसमें दोनों पक्ष जमीन पर “शांति और स्थिरता” बनाए रखने पर सहमत हुए लेकिन गतिरोध के समाधान का कोई संकेत नहीं दिखा।

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 21वें दौर की वार्ता 19 फरवरी को चुशूल-मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित की गई। घटनाक्रम से परिचित लोगों ने कहा कि भारतीय पक्ष ने डेपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान के लिए दबाव डाला, लेकिन बातचीत में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष समाधान के आगे के तरीकों पर उचित सैन्य और राजनयिक तंत्र के माध्यम से संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए। इसने कहा कि दोनों पक्षों ने “मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण” माहौल में हुई वार्ता में मुद्दे पर अपना दृष्टिकोण साझा किया।

विदेश मंत्रालय ने कहा, “दोनों पक्ष उचित सैन्य और राजनयिक तंत्र के माध्यम से आगे के रास्ते पर संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए। उन्होंने अंतरिम रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने के लिए भी प्रतिबद्धता जताई।”

इससे पहले, 20वें दौर की सैन्य वार्ता 9 और 10 अक्टूबर को हुई थी। वार्ता के उस दौर के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ शेष मुद्दों के शीघ्र और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए स्पष्ट, खुले और रचनात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया।

पिछले महीने थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर स्थिति “स्थिर”, लेकिन “संवेदनशील” है। उन्होंने कहा था कि किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए भारतीय सैनिकों की अत्यधिक उच्च स्तर की अभियानगत तैयारी बरकरार है।

जनरल पांडे ने यह भी कहा था कि भारत और चीन दोनों 2020 के मध्य में मौजूद रही “यथास्थिति” पर लौटने के उद्देश्य से सैन्य और राजनयिक स्तरों पर बातचीत जारी रखे हुए हैं। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर गतिरोध बना हुआ है, जबकि दोनों पक्ष व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर चुके हैं।

वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह मुख्यालय वाली 14वीं कोर के कमांडर ने किया जबकि चीनी दल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर ने किया। भारत कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।

पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पैदा हो गया था। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ गई थी। यह दो दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे बड़ा सैन्य संघर्ष था।

सिलसिलेवार सैन्य और राजनयिक वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने 2021 में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट तथा गोगरा क्षेत्र से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की थी।

First Published - February 21, 2024 | 8:38 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट