इजरायल पर ईरान से हुई मिसाइलों की बौछार के मद्देनजर भारत ने आज सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया और शांति बनाए रखने का आग्रह किया।
विदेश मंत्रालय एक बयान में कहा, ‘हम पश्चिम एशिया में सुरक्षा स्थिति के बिगड़ने से काफी चिंतित हैं। हम एक बार फिर सभी पक्षों से संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं। यह महत्त्वपूर्ण है कि संघर्ष को व्यापक क्षेत्रीय स्वरूप न लेने दिया जाए। हम आग्रह करते हैं कि सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के जरिये निपटाया जाए।’
मंगलवार की देर रात ईरान ने करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलों से इजरायल पर हमला किया। ऐसे में लोगों को मिसाइल रोधी बंकरों में शरण लेनी पड़ी। अली खामेनेई के नेतृत्व वाले इस्लामिक गणराज्य ने कहा कि यह हमला हमास के नेता इस्माइल हनीयाह और हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या का जवाब था। जुलाई में इजरायल द्वारा तेहरान में किए गए हवाई हमले में हनीयाह और पिछले सप्ताह हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर किए गए हमले में नसरल्लाह की मौत हो गई थी।
इस साल रॉकेट द्वारा किया गया यह दूसरा हमला था। दमिश्क में ईरानी दूतावास पर इजरायल द्वारा 1 अप्रैल को की गई बमबारी के बाद ईरान ने इजरायल और उसके कब्जे वाले गोलान हाइट्स क्षेत्र में जवाबी हमले किए थे। उसमें क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था।
नई दिल्ली ने ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा सलाह भी जारी की है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम इस क्षेत्र में हालिया घटनाक्रम के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। भारतीय नागरिकों को ईरान की सभी गैर-जरूरी यात्राओं से बचने की सलाह दी जाती है। फिलहाल ईरान में रहने वाले भारतीयों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और तेहरान में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें।’ मई तक ईरान में प्रवासी भारतीयों की संख्या करीब 4,000 थी।
आतंकवादी समूह हमास द्वारा अक्टूबर, 2023 में इजराइल किए गए हमले में करीब 1,200 नागरिकों एवं सैन्य कर्मियों के मारे जाने के बाद से इस क्षेत्र में हिंसा लगातार बढ़ रही है। गाजा पट्टी पर 2006 से ही हमास का नियंत्रण था। मगर इजरायल के बाद के हमले ने शहर के बड़े हिस्से को तबाह कर दिया है और उसमें 41,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
भारत ने सुरक्षित एवं मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीन राज्य की स्थापना की दिशा में बातचीत के जरिये दो देश वाले समाधान का लगातार समर्थन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर यहूदी समुदाय को रोश हशनाह की शुभकामनाएं दीं। रोश हशनाह यहूदियों का नव वर्ष है और इसमें ईश्वर द्वारा मानवजाति की रचना का जश्न मनाया जाता है।