बहुराष्ट्रीय कंप्यूटर टेक्नोलॉजी कंपनी इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स(आईबीएम) ने मंगलवार को घोषणा की कि वह 15 अरब डॉलर मूल्य के शेयर वापस खरीदेगी। कंपनी ने बताया कि इस बाबत उसे बोर्ड की ओर से हरी झंडी दिखा दी गई है। उम्मीद की जा रही है कि इस कदम से वर्ष 2008 में कंपनी की आय में प्रति शेयर पांच सेंट की बढ़ोतरी होगी। इस घोषणा के बाद से कंपनी के शेयरों में 4.2 फीसदी का उछाल आया है। यह पुनर्खरीद आईबीएम के कुल बाजार पूंजीकरण के 10 फीसदी हिस्से के बराबर होगी। इस खबर से अमेरिका के शेयर बाजारों में भी रौनक लौट गई है।
अमेरिका के तकनीकी शोध विश्लेषक शॉ वू ने कहा, ”मुश्किल समय में आईबीएम कैश बना सकता है, इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं।” शेयरों के पुनर्खरीद के अधिकार दिए जाने की घोषणा आईबीएम की चौथी तिमाही में उत्साहजनक नतीजों को देखते हुए की गई थी। 17 जनवरी को जारी इन परिणामों से वॉल स्ट्रीट की उम्मीदें भी ऊंची हुई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अमेरिका की आर्थिक मंदी में भी कुछ राहत मिलेगी। चौथी तिमाही के नतीजे जारी होने के बाद से कंपनी के शेयरों में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने कहा कि उसे अब वर्ष दर वर्ष विकास में 16 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। आईबीएम ने कहा है कि वर्ष 2008 में उसके प्रति शेयर आय 8.20 से 8.30 डॉलर के बीच रहने की उम्मीद है।
कंपनी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि 2008 में वह स्टॉक की पुनर्खरीदारी के लिए 12 अरब डॉलर खर्च करेगी। वर्ष 2007 में शेयरों की वापस खरीदारी के लिए 18.8 अरब डॉलर खर्च किए गए थे। कंपनी शेयरों की खरीदारी के लिए ओपन मार्केट या फिर निजी करार की सहायता ले सकती है। शेयरों की खरीदारी के लिए फंड जुटाना भी अपने आप में चुनौती भरा काम है और इसके लिए कंपनी अपनी योजनाओं से हुई कमाई पर निर्भर कर रही है। आईबीएम ने वर्ष 2007 की दूसरी तिमाही में 15.7 अरब डॉलर के शेयर खरीदे थे। हावर्ड सिल्वरब्लैट के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी शेयरों की पुनर्खरीदारी है।
