facebookmetapixel
एनसीआर-मुंबई सहित बड़े शहरों में पुराने मॉलों का होगा बड़े पैमाने पर कायाकल्प, बदलेंगे इंटीग्रेटेड डिस्ट्रिक्ट मेंटाटा मोटर्स बोली: EV व CNG के दम पर कैफे मानदंडों से नहीं है कोई खतरा, हाइब्रिड की जरूरत नहींनेट न्यूट्रैलिटी नियमों की नए सिरे से समीक्षा करेगा TRAI, 5G स्लाइसिंग पर बढ़ी बहसEmkay Global का पूर्वानुमान: कैश मार्केट में बढ़ेगा पैसा, 2026 में भारतीय बाजार चमकेंगे दुनिया से ज्यादाप्रतिद्वंद्वी पर भारी अशोक लीलैंड! बेहतर मार्जिन और मजबूत सेगमेंट से निवेशकों का बढ़ा भरोसाअमेरिकी भारी शुल्क का असर! रत्न-आभूषण निर्यात अक्टूबर में 30% से अधिक लुढ़कानेपाल के रास्ते भारत में घुस रहा चीनी इस्पात! जांच में फर्जी सर्टिफिकेट का खुलासाश्रीलंका में नया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज बनेगा, NCDEX देगी तकनीक और लेगी बड़ी हिस्सेदारीभारत ने अमेरिका से मांगा ब्रिटेन जैसा करार, लाखों भारतीय श्रमिकों को बड़ी राहत संभवरक्षा क्षेत्र में हो सकता है ऐतिहासिक बदलाव! भारतीय सेना में महिलाओं की टेरिटोरियल आर्मी में एंट्री की तैयारी

Biological Weapons: अमेरिकी रिपोर्ट का दावा, उत्तर कोरिया बना रहा “जहर वाले पेन” और “स्प्रे” जैसे जैविक हथियार

Biological Weapons: रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया अपने BW कार्यक्रम पर लगातार काम रहा है।

Last Updated- April 18, 2024 | 9:32 PM IST
Kim Jong-un

अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि उत्तर कोरिया बायो हथियार (BW) प्रोग्राम के हिस्से के रूप में घातक बैक्टीरिया और वायरस बना रहा है। यूके स्थित द टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने सालाना असेसमेंट में कहा है कि उत्तर कोरिया ने घातक बीमारियों को फैलाने के लिए स्प्रे और “जहर वाला पेन” बनाए हैं।

यह रिपोर्ट उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर कम और एंथ्रेक्स और चेचक जैसे कीड़े फैलाने के लिए डिज़ाइन किए गए हथियारों पर अधिक फोकस करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया अपने BW कार्यक्रम पर लगातार काम रहा है।

संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना ​​है कि उत्तर कोरिया (DPRK) एक समर्पित राष्ट्रीय स्तर का आक्रामक बायो हथियार (BW) कार्यक्रम चला रहा है। साथ ही उनके पास सैन्य उद्देश्यों के लिए बायो एजेंटों का उत्पादन करने की क्षमता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डीपीआरके के पास बैक्टीरिया, वायरस और जहरीले पदार्थों का उत्पादन करने की तकनीकी क्षमता है जिनका उपयोग BW एजेंटों के रूप में किया जा सकता है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ये हथियार पारंपरिक बंदूकों के अलावा जहर के छिड़काव और जहर के इंजेक्शन जैसे “अजीब तरीकों” से भी फैलाए जा सकते हैं। और भी चिंता की बात ये है कि डीपीआरके “CRISPR” नामक तकनीक का इस्तेमाल कर बीमारी फैलाने वाले जीवों को आनुवंशिक रूप से बदल भी सकता है।

जैविक हथियार मनुष्य, जानवर और पौधों को बीमार करने या मारने के लिए बनाए जाते हैं। एंथ्रेक्स जैसे एजेंट बड़े पैमाने पर मौत का कारण बन सकते हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, डीपीआरके 1960 के दशक से ही BW कार्यक्रम चला रहा है।

First Published - April 18, 2024 | 9:32 PM IST

संबंधित पोस्ट