प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले सप्ताह प्रस्तावित वाशिंगटन यात्रा के दौरान भारतीय पक्ष ट्रंप प्रशासन के साथ वार्ता में अमेरिका से अवैध प्रवासियों के वापस भेजे जाने का मुद्दा उठाएगा। द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार, ऊर्जा सुरक्षा से लेकर रक्षा सहयोग जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। भारत ने संकेत दिया है कि वह अमेरिका से और अधिक तेल एवं रक्षा उपकरण खरीदने के लिए भी खुलकर बात करेगा।
सूत्रों से पता चला है कि भारत लगभग 18,000 अवैध प्रवासियों को वापस लेने के लिए राजी हुआ है, जिनकी पहचान कर अमेरिका ने हिरासत में ले लिया है। एक सूत्र के अनुसार ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने के खिलाफ आवाज उठाने वाले कुछ देशों से उलट भारत ने इस मामले को लेकर सौदेबाजी करने या अमेरिकी अधिकारियों को ऐसा करने से रोकने के प्रयास करने का कोई इरादा नहीं जताया है।
लेकिन भारतीय पक्ष प्रवासन के मुद्दे पर उभरने वाली राजनीतिक दिक्कतों और संवेदनशील रवैया अपनाने के ट्रंप प्रशासन के कदम की सराहना करने का प्रयास करेगा। वह यह जरूर चाहता है कि मिलिट्री विमान में भेजे जाने वाले बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाए।
भारत का मानना है कि अमेरिका में पकड़े गए बिना दस्तावेज वाले 18,000 लोगों में अधिकांश पंजाब, हरियाणा और गुजरात से हैं। इनमें कुछ आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से भी ताल्लुक रखते हैं, जो राजनीतिक रूप से बेहद महत्त्वपूर्ण मामला है। मालूम हो कि बीते साल अक्टूबर में अमेरिका ने 100 भारतीयों को नागरिक विमान में वापस भेजा था।
सूत्र ने कहा, ‘जो भी भारतीय अमेरिका में बिना दस्तावेज पकड़े गए हैं, वे वहां कामगार श्रेणी के लोग हैं, जो किसी तरह अपनी आजीविका कमाते रहे हैं। वे उस तरह अपराधी नहीं हैं, जैसे अमेरिका के पड़ोसी देशों से ताल्लुक रखने वाले लोग हैं, जिन्हें वह वापस खदेड़ रहा है।’
भारत में इस बात एहसास है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का रवैया भारत के प्रति अन्य देशों के मुकाबले काफी नरम रहा है। इसका पता ट्रंप के इस बयान से भी चल जाता है, जिसमें उन्होंने कहा, ‘भारत प्रवासी मुद्दे पर जो उचित होगा, वही कदम उठाएगा।’ लेकिन, सूत्रों ने यह बात स्वीकार की है कि भारत-अमेरिका संबंधों के अप्रत्याशित दौर में प्रवेश कर रहे हैं। भारत अवैध प्रवासी मुद्दे पर पूरा सहयोग करेगा ताकि अन्य क्षेत्रों में अमेरिका से छूट हासिल की जा सके।
सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार के प्रमुख के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पिछली बार के मुकाबले सबसे छोटे अमेरिकी दौरों में से एक होगा। प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे की विस्तृत रूपरेखा अभी तैयार की जा रही है। वह इस दौरान वाशिंगटन में भारतीय प्रवासियों एवं टेस्ला सीईओ ईलॉन मस्क समेत कई कारोबारी दिग्गजों से भी मिलेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी 13 और 14 फरवरी को अमेरिका में रहेंगे। इससे पहले वह फ्रांस जाएंगे जहां पेरिस में 11 फरवरी को वह एआई एक्शन समिट में शिरकत करेंगे और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मार्सिले में 12 फरवरी को सयुक्त रूप से भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन भी करेंगे।