योजना आयोग के सदस्य अनवारूल होडा की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने सिफारिश की है कि सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) को 2009 के बाद भी कर में रियायत मिलनी चाहिए।
एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अगर यह कर रियायत खत्म की जाती है तो एसटीपीआई को विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज)की तुलना में लाभ से वंचित होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने सरकार को बता दिया है कि या तो सेज को मिल रही कर रियायत खत्म की जाए या आईटी कंपनियों को छूट जारी रखी जाए।
आयकर कानून 1961 की धारा 10 ए और 10 बी के तहत एसटीपीआई को कर में रियायत दी जाती है। इस लाभ को 31 मार्च 2009 को खत्म होना था। देशभर में 8000 से अधिक एसटीपीआई मौजूद हैं। हाल ही में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा था कि सरकार के पास इस मुद्दे पर विचार करने के लिए 31 मार्च, 2009 तक का समय है।
इस उच्चस्तरीय समिति का गठन पिछले साल मई में किया गया था। समिति को सेवा क्षेत्रों के प्रदर्शन के संदर्भ में लघु और दीर्घ अवधि के प्रदर्शन और आने वाले वर्षों में इसकी प्रतिस्पर्धा की स्थिति के तहत नीतियों पर गौर करना था।