Monika Kapoor extradition: केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने अमेरिका में मौजूद कथित आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर (Monika Kapoor) को अपनी कस्टडी में ले लिया है। अब उसे भारत प्रत्यर्पित कर वापस लाया जा रहा है। कपूर 25 साल से ज्यादा समय के बाद आखिरकार केंद्रीय जांच एजेंसी को कपूर को कानूनी शिंकजे में लाने में सफलता मिली है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों के बताया कि कपूर को अमेरिका से लाने वाली फ्लाइट बुधवार रात भारत पहुंच सकती है।
न्यूयॉर्क की ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट की यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि (Bilateral Extradition Treaty) के तहत मोनिका कपूर के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी।
इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री (सेक्रेटरी ऑफ स्टेट) ने भारत लौटाए जाने का वारंट जारी किया। कोर्ट ने कपूर के इस दावे को खारिज कर दिया कि भारत लौटने पर उसे प्रताड़ना (टॉर्चर) का डर है, और इसलिए यूनाइटेड नेशंस की ‘कन्वेंशन अगेंस्ट टॉर्चर’ और 1998 के FARRA कानून के तहत उसका प्रत्यर्पण नहीं होना चाहिए।
मोनिका कपूर ने 1999 में अपने दो भाइयों के साथ मिलकर ज्वेलरी बिजनेस के लिए दस्तावेजों में धोखाधड़ी की थी। इन जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल भारत सरकार से रॉ मैटीरियल बिना शुल्क चुकाए आयात करने के लाइसेंस लेने के लिए किया गया था। इस कथित धोखाधड़ी से भारत के सरकारी खजाने को $679,000 (लगभग ₹5.7 करोड़) का नुकसान हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार ने अक्टूबर 2010 में अमेरिकी प्रशासन से मोनिका कपूर के प्रत्यर्पण की औपचारिक अपील की थी, जो भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत की गई थी।