उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला आजाद भारत में पहला राज्य बन गया है। गोवा में औपनिवेशिक काल से यूसीसी के नियम लागू थे और 1961 में इसके भारत का हिस्सा बन जाने के बाद भी ये लागू रहे। इस तरह देश में दो राज्य हो गए हैं जहां यूसीसी लागू हो गया है। देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विवाह, तलाक और लिव-इन रिलेशनशिप का ऑनलाइन पंजीकरण कराने के लिए पोर्टल शुरू किया।
राज्य सरकार की पोर्टल के अनुसार उत्तराखंड यूसीसी नियम के तहत अब धर्म और समुदाय से परे राज्य के सभी निवासियों के लिए विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेना और उत्तराधिकार से संबंधित एक जैसा कानून होगा। यह कानून उत्तराखंड के उन लोगों पर भी लागू होगा जो राज्य से बाहर रहते हैं। साथ युगल में से एक के विदेशी और दूसरे के उत्तराखंड वासी होने पर भी यह नियम मानना पड़ेगा।
देहरादून में मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिसूचना जारी कर यूसीसी को लागू किया। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अपने विवाह का पंजीकरण कराया। कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उनके विवाह पंजीकरण का प्रमाणपत्र सौंपा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने यूसीसी के तहत पंजीकरण कराने वाले पांच अन्य व्यक्तियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल उत्तराखंड के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा, ‘इसी क्षण से उत्तराखंड में पूरी तरह से यूसीसी लागू हो गई है और प्रदेश के सभी नागरिकों के संवैधानिक और नागरिक अधिकार एक समान हो गए हैं।’