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योगी सरकार की 5वीं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी, ₹5 लाख करोड़ से ज्यादा के इंड​​​स्ट्रियल प्रोजेक्ट्स होंगे शुरू

गुरुवार को औद्योगिक विकास विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साढ़े आठ सालों में अब तक चार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित की जा चुकी है

Last Updated- September 18, 2025 | 2:38 PM IST
UP CM Yogi Adityanath
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी विभाग समयबद्ध तरीके से कार्यवाही सुनिश्चित करें। - फाइल फोटो

योगी सरकार पांचवी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की औद्योगिक परियोजनाओं की शुरुआत करेगी। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी इसी साल नवंबर में आयोजित की जाएगी।

गुरुवार को औद्योगिक विकास विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आ​दित्यनाथ ने कहा कि रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म के मंत्र के साथ बीते साढ़े आठ सालों में अब तक चार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित की जा चुकी है। इसके जरिए 15 लाख करोड़ से अधिक की औद्योगिक परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं और 60 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी एवं रोजगार की गारंटी मिली। अब आगामी नवंबर महीने में पांचवी जीबीसी के आयोजन की तैयारी की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी विभाग समयबद्ध तरीके से कार्यवाही सुनिश्चित करें और प्रत्येक निवेश प्रस्ताव की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग की जाए।

भूमि आवंटन के प्रस्तावों की समीक्षा

विभिन्न निजी औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन के प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सामंजस्य के साथ ही होनी चाहिए। यदि प्रदेश हित में उनकी भूमि का अधिग्रहण आवश्यक है तो उन्हें अच्छा मुआवजा मिलना चाहिए। कहीं से भी उत्पीड़न की शिकायत नहीं आनी चाहिए। संवाद और समन्वय से यह काम बड़ी आसानी से हो सकता है। उन्होंने सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों से अपने क्षेत्र की जरुरतों के मुताबिक भूमि अधिग्रहण के लिए वर्तमान मुआवजे की दर में बढ़ोतरी पर विचार करने को कहा।

निर्यात प्रोत्साहन के प्रयासों को बढ़ाने की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में से किसी एक क्षेत्र में फिनटेक हब विकसित किया जाए। यहां बड़े बैंकिंग संस्थाओं के कार्यालय हों। उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्यात को और बेहतर करने के लिए नियोजित प्रयास की आवश्यकता है।

उपयोग न होने वाली यूनिट रद की जाए

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि भूमि आवंटन के बाद उसका समुचित उपयोग न करने वाली औद्योगिक इकाइयों के लिए आवंटन अधिकतम तीन सालों के बाद रद कर दिया जाए और वह भूमि अन्य निवेशक को आवंटित किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने निवेश मित्र और निवेश सारथी पोर्टलों को और अधिक सहज व सरल बनाये जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि निवेशक छोटा हो या बड़ा, कार्यालयों के चक्कर किसी को भी न लगाना पड़े। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह 22 सितम्बर से प्रभावी होने जा रहे जीएसटी सुधारों का लाभ हर आम नागरिक को मिलना सुनिश्चित किया जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित विशेष रोजगार जोन के विकास की कार्ययोजना पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध रूप से सभी जिलों में कम से कम 100 एकड़ में इस रोजगार जोन का विकास किया जाना है, इसके लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यह क्षेत्र उद्योग, निवेश, उद्यमिता, नवाचार, कौशल विकास और रोजगार का हब होगा। यह कार्ययोजना पूरे देश में एक मॉडल बनेगी।

बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2025-26 के लिए विनिर्माण क्षेत्र का ₹5 लाख करोड़ का जीवीए लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए फैक्ट्री अधिनियम के अंतर्गत 8,000 नई/विद्यमान इकाइयों का पंजीकरण आवश्यक है। अभी तक 1,354 इकाइयों का पंजीकरण हो चुका है।

First Published - September 18, 2025 | 2:38 PM IST

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