उत्तर प्रदेश

यूपी के किसानों को बेमौसम बारिश की मार, अब कैसा होगा रबी की फसलों का बाजार

Published by   बीएस संवाददाता
- 22/03/2023 4:49 PM IST

उत्तर प्रदेश में दो दिनों तक हुई बारिश, ओलावृष्टि और अंधड़ ने किसानों का संकट और गहरा कर दिया है। बारिश और ओले के चलते गेहूं, सरसो और चने की फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है वहीं पछैती (late sown) आलू की खोदाई कर रहे किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ा है। प्रदेश के कुछ हिस्सों में अभी भी बारिश व आंधी की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

पूर्वी व मध्य उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश और तेज हवाओं के चलते गेहूं की तैयार खड़ी फसल गिर गई है और भीग कर खराब हुई है। कृषि विभाग का कहना है कि कटने को तैयार खड़े गेहूं की मड़ाई अब देर से होगी और किसानों को नुकसान अलग से हुआ है। उनका कहना है कि मार्च के पहले सप्ताह से ही तापमान बढ़ने के गेंहू के दानों के कमजोर होने का अंदेशा बढ़ गया था और अब बारिश व अंधड़ के चलते उत्पादन प्रभावित होगा। गेंहूं की नयी फसल के बाजार में आने में भी अब देर लग सकती है।

मौसम विभाग का कहना है कि पूर्वी व मध्य उत्तर प्रदेश में दो दिनों तक खराब मौसम रहने के बाद अब सुधार होगा। हालांकि पश्चिम के कई जिलों में गुरुवार से लेकर शनिवार तक एक बार मौसम बिगड़ने व आंधी-पानी का अनुमान है। मंगलवार को प्रदेश के बहराइच जिले के कैसरगंज में सबसे ज्यादा 130 मिलीमीटर पानी बरसा था जबकि वाराणसी जिले 60 मिमी बारिश हुई थी। प्रदेश के दो दर्जन जिलों में सोमवार और मंगलवार को कई बार ओले गिरे थे।

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ओले गिरने से सरसो की फसल के साथ ही चने को खास नुकसान पहुंचा है। प्रदेश में इन दिनों तैयार हो रही सरसो की फसल की कटाई शुरु होती है। तैयार सरसों पर ओले गिरने से दाने खराब हो गए हैं और बहुत से स्थानों पर तो पूरी फसल ही खराब हो गई है। यही हाल चने के साथ भी हुआ है जहां तेज हवा और ओलों की मार से पक रही फलियां टूट गयी हैं।

उद्यान विभाग का कहना है कि प्रदेश में कुछ जगहों पर खास कर अवध के जिलों में पछैती आलू की खोदाई का काम चल रहा था। दो दिनों तक चली बारिश के बाद तैयार आलू खेतों में सड़ने लगेगा और उत्पाद प्रभावित होगा। हालांकि उनका कहना है कि प्रदेश में आलू की 90 फीसदी बाजार में आ चुकी है जिसके बार अब नुकसान का कीमतों पर कोई विशेष असर नहीं होगा।