उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में उद्योगों को अब और जल्दी मिलेगी NOC! हर जिले में खुलेंगे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऑफिस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पुनर्गठन की आवश्यकता जताई है।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- April 16, 2025 | 2:26 PM IST

UP NOC for industries: उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए पर्यावरण एवं प्रदूषण संबंधी अनापत्ति (NOC) मिलने का समय घटाया जाएगा। उद्यमियों के साथ ही आम जनता की सुविधा के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय सभी जिलों में खोले जाएंगे। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) में अपशिष्टों के प्रबंधन के लिए सेल बनाई जाएगी।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पुनर्गठन की आवश्यकता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पुनर्गठन की आवश्यकता जताई है। उन्होंने कहा है कि 1995 में गठन के बाद से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गतिविधियों, क्षेत्र, कार्य प्रकृति में व्यापक परिवर्तन आ चुका है। बदलते समय की आवश्यकताओं के मद्देनजर इनमें बदलाव किया जाना चाहिए। बुधवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 75 जिलों में 28 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इन्हें 18 मंडलों पर पुनर्गठित किया जाए। साथ ही, प्रत्येक जिले में एक-एक कार्यालय स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन मंडलों में औद्योगिक गतिविधियां ज्यादा हैं, वहां एक से अधिक क्षेत्रीय कार्यालय बनाये जा सकते हैं।

NOC देने की समय सीमा घटेगी

मुख्यमंत्री ने उद्योगों से संबंधित अनापत्ति आवेदन (सीटीओ/सीटीई) निस्तारण के समय को और कम करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि लाल, नारंगी तथा हरी श्रेणी के लिए अनापत्ति आवेदन का निस्तारण 120 दिनों में किया जा रहा है। इसे क्रमशः अभी 40, 25 और 10 दिनों में किया जाना चाहिए। इस संबंध में आवश्यक तंत्र विकसित करें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अनापत्ति एवं सहमति शुल्क में वर्ष 2008 के बाद कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इस संबंध में बोर्ड द्वारा गहन विचार-विमर्श कर आवश्यक परिवर्तन किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि पर्यावरण एवं प्रदूषण संबंधी एनओसी के आवेदन के निस्तारण के लिए समय सीमा घटाने का मांग उद्यमियों की ओर से भी उठायी गयी थी।

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खाली पदों पर तेजी से हो भर्ती

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए दौर की पर्यावरणीय चुनौतियों के समुचित समाधान के लिए बोर्ड में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, तरल अपशिष्ट प्रबंधन, हैजार्ड्स वेस्ट, ई-वेस्ट, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन सेल का गठन किया जाए। इसी प्रकार, लोकशिकायत निवारण हेतु अनुसंधान एवं विकास संबंधी अध्ययन हेतु, पर्यावरणीय जन-जागरूकता तथा प्रकाशन हेतु आई.टी तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग हेतु विशेष यूनिट का गठन भी किया जाना चाहिए। इससे बोर्ड की प्रभावशीलता पर सकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जाए। बेहतर होगा कि आईआईटी आदि प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों के दक्ष युवाओं को अच्छे पैकेज पर नियुक्ति दी जाए।

First Published : April 16, 2025 | 2:21 PM IST