उत्तर प्रदेश

यूपी सरकार की नई पहल, कृषि‑पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘फार्म‑स्टे’ योजना

उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय ने राज्य में पहली बार फार्म स्टे आवास विकसित व संचालित करने के लिए निवेशकों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- September 11, 2025 | 1:19 PM IST

धार्मिक और एतिहासिक स्थलों के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कृषि पर्यटन को बढ़ावा देगी। प्रदेश में कृषि के पर्यटन का आकर्षण बनाने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों की आवा-जाही को प्रोत्साहित किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय ने राज्य में पहली बार फार्म स्टे आवास विकसित व संचालित करने के लिए निवेशकों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ‘इस प्रयास से पर्यटकों को खेती-बाड़ी, ग्रामीण संस्कृति और गांवों में आतिथ्य सत्कार का विशेष अनुभव मिलेगा। उन्होंने कहा कि फार्म स्टे से न केवल पर्यटन को नई पहचान मिलेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी।’

मंत्री ने बताया, ‘योजना के तहत परिभाषित फार्म स्टे ऐसा पर्यटक आवास है, जो खेत या उसके निकट बनाया जाएगा। यह आवास मालिक के घर से अलग होगा। इसमें कम से कम दो किराए पर देने योग्य कमरे तथा एक रिसेप्शन क्षेत्र अनिवार्य रूप से होगा। हर फार्म स्टे में पर्यटकों को ग्रामीण जीवन का प्रत्यक्ष अनुभव देने के लिए कृषि कार्य, बागवानी, मत्स्य पालन, डेयरी फार्मिंग, पशुपालन, फार्म टूर या अन्य स्वीकृत ग्रामीण गतिविधियां उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। इस प्रकार आगंतुक के लिए पूरा गांव ही आकर्षण का केंद्र बनेगा।’

योजना के तहत प्रोत्साहन पैकेज का प्रावधान है। पूंजी निवेश पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जो कि 10 लाख रुपए से 10 करोड़ रुपए के बीच निवेश करने पर 25 फीसदी या अधिकतम दो करोड़ रूपये होगी वहीं 50 करोड़ तक निवेश पर 20 फीसदी या अधिकतम 07.5 करोड़ रुपए, 200 करोड़ रुपए तक 15 फीसद या अधिकतम 20 करोड़ रुपए और 500 करोड़ रुपए तक 10 फीसदी या अधिकतम 25 करोड़ रुपए होगी। वहीं 500 करोड़ रुपए से अधिक पर 10 फीसदी या अधिकतम 40 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि ‘निवेशकों को सामान्य प्रोत्साहनों के अलावा अतिरिक्त सब्सिडी भी दी जाएगी। महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ा वर्ग के निवेशकों को विशेष रियायतें मिलेंगी। इसी तरह फोकस टूरिज्म डेस्टिनेशन में स्थापित किए जाने वाले प्रोजेक्ट्स को भी 5 फीसदी की अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान की जाएगी। हालांकि, यह सब्सिडी अधिकतम 30 फीसदी की सीमा तक ही सीमित रहेगी। पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ब्याज सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 5 करोड़ रुपए तक के बैंक ऋण पर 5 फीसदी ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। एक निवेशक को प्रति वर्ष अधिकतम 25 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिल सकेगी, जो अधिकतम 5 वर्षों तक लागू रहेगी। स्टाम्प ड्यूटी, भूमि रूपांतरण शुल्क और विकास शुल्क पर 100 फीसदी की छूट दी जाएगी।

नई व्यवस्था के तहत ऐसी इकाइयों जो 50 या उससे अधिक स्थानीय कर्मचारियों की नियुक्ति करेंगी, उन्हें नियोक्ता द्वारा जमा किए जाने वाले ईपीएफ योगदान की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी। यह सुविधा अधिकतम 5 वर्षों तक उपलब्ध रहेगी। यदि कोई इकाई दिव्यांग कर्मचारियों को रोजगार देती है, तो उसे प्रति कर्मचारी 1,500 रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह सुविधा अधिकतम 5 कर्मचारियों तक मान्य होगी।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि ‘फार्म स्टे पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रोजेक्ट को प्रोत्साहन और पारदर्शी प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।

First Published : September 11, 2025 | 1:19 PM IST