उत्तर प्रदेश

कानपुर को स्मार्ट सिटी बनाए सरकार, बंद फैक्ट्रियों का भी आवासीय प्रोजेक्ट में हो इस्तेमाल – उद्योग जगत की योगी सरकार से डिमांड

UP: कानपुर में विभिन्न बंद मिलों की करीब 400 एकड़ जमीन के उपयोग को लेकर उद्यमियों ने योगी सरकार को प्रस्ताव सौंपा है

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- September 08, 2025 | 10:04 AM IST

उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर में बंद पड़े कारखानों की जमीन के आवासीय एवं नगरीय संरचना में परिवर्तित करने की मांग उठायी गयी है। कानपुर में विभिन्न बंद मिलों की करीब 400 एकड़ जमीन के उपयोग को लेकर उद्यमियों ने योगी सरकार को प्रस्ताव सौंपा है।

जाने-माने उद्यमी अभिषेक सिंघानिया की अध्यक्षता में मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश  के प्रतिनिधिमंडल ने कानपुर के विकास को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें इस शहर के खोए हुए औद्योगिक गौरव को पुनः स्थापित करने के लिए विस्तृत विकास प्रस्ताव सौंपा। इस महत्वपूर्ण बैठक में कानपुर नगर के बहुआयामी विकास पर व्यापक चर्चा हुई। बैठक के दौरान सिंघानिया ने मुख्यमंत्री  को अवगत कराया कि कभी ‘ईस्ट का मैनचेस्टर’ कहलाने वाला कानपुर, जो कपड़ा, चमड़ा और मशीनरी निर्माण जैसे क्षेत्रों में देशभर में अग्रणी रहा, आज अनेक कारणों से विकास की दौड़ में पिछड़ गया है।

मुख्यमंत्री को दिए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि कानपुर की बंद पड़ी एल्गिन, लाल इमली, बीआईसी, जेके कॉटन, कानपुर टेक्सटाइल की लगभग 400 एकड़ जमीन को आवास एवं नगरीय अवसंरचना में परिवर्तित करने से रोजगार एवं निवेश को बढ़ावा मिलेगा तथा भीड़भाड़ कम होगी। इसके अलावा कानपुर एयरपोर्ट का विस्तार एवं नाइट ऑपरेशन की सुविधा की मांग की गयी है।

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मुख्यमंत्री से सिंघानिया ने कहा कि वर्तमान में उड़ानों की संख्या सीमित है तथा नाइट लैंडिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है। मुम्बई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता जैसे महानगरों से सीधी कनेक्टिविटी न होने से व्यापार और निवेश बाधित है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट का तत्काल विस्तार कर एरो सिटी, नॉलेज सिटी और स्मार्ट कानपुर परियोजनाओं को गति दी जा सकती है।

इसके अलावा उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल ने आईआईटी कानपुर के पास टेक्नोपार्क, एकीकृत टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन हब की स्थापना की भी मांग की, जिससे आईटी, वित्तीय सेवाएं और बीपीओ/एमएनसी को आकर्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा, स्थानीय प्रतिभा को रोकने में सफलता के साथ ही अनुसंधान/स्टार्टअप को प्रोत्साहन मिलेगा। कानपुर में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) का प्रस्ताव रहखते हुए सिंघानिया ने कहा कि पनकी, दादानगर, रानिया, जाजमऊ जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को एसईजेड में समेकित करने से अवसंरचना उन्नयन, यातायात दबाव में कमी, प्रतिस्पर्धा एवं निवेश में वृद्धि होगी।

उन्होंने कानपुर  मंडल में एम्स की स्थापना की मांग करते हुए कहा कि वर्तमान में मात्र ~1,200 बिस्तरों की सुविधा है जो आबादी के अनुपात में अत्यंत अपर्याप्त है। वहीं शहर में प्रदूषण जनित श्वसन रोग, उच्च रक्तचाप व डायबिटीज जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। कानपुर में एम्स की स्थापना से 6 ज़िलों कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, फतेहपुर, हरदोई, कन्नौज को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलेंगी, 3,000+ रोजगार सृजित होंगे और यह क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र बनेगा।

प्रतिनिधिमंडल ने कानपुर में गंगा रिवरफ्रंट विकास और एयरपोर्ट के पास नए बिजनेस सिटी बनाने की मांग भी रखी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन देते हुए कहा कि कानपुर का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। जैसे लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी और अयोध्या को विकास के नए मानकों पर स्थापित किया है, उसी प्रकार कानपुर को भी एक आधुनिक औद्योगिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाया जाएगा। उन्होंने खुद इस परियोजना में गहरी रुचि लेकर इसकी प्रगति की नियमित समीक्षा करने की बात कही।

इस मौके पर चैंबर  के उपाध्यक्ष श्री मयंक खन्ना, श्री मनीष मानसिंका एवं श्री आशीष चौहान भी उपस्थित रहे।

First Published : September 8, 2025 | 10:04 AM IST