ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट (Global Investment Summit) में उम्मीद से कहीं ज्यादा निवेश प्रस्ताव मिलने के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार छह महीनों के भीतर ही पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन करेगी। पहली ग्राउंड ब्रेकिंग में ही 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की निवेश परियोजना पर काम की शुरुआत की जा सकती है।
प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों को निवेश को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी देते हुए हर एमओयू की निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने निवेश की राशि को देखते हुए एक इन्वेस्टमेंट इंप्लीमेंटेशन यूनिट के गठन का भी ऐलान किया है। यह यूनिट हर विभाग में गठित की जाएगी जहां सचिव स्तर का अधिकारी इसका मुखिया होगा। यूनिट अपने विभाग से जुड़े हर एमओयू के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होगी।
विशेष सचिव और इससे ऊपर स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को सेक्टरवार अथवा निवेश प्रस्ताव वार मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी दी जाएगी। विदेशी निवेशकों की सहायता के लिए एक कॉल सेंटर का संचालन जल्दी ही शुरू किया जाएगा।
उनका कहना है कि जीआईएस के दौरान मिले 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के 13000 एमओयू पर तुरंत काम शुरु हो सकता है। इन एमओयू के मामले में निवेशकर्ता तुरंत काम शुरू करने को तैयार हैं। साथ ही 2.80 लाख करोड़ रुपये की 99 परियोजनाओं के लिए निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) के आधार पर एमओयू किया गया है।
सरकार की प्रथामिकता इनको सबसे पहले धरातल पर उतारने की होगी।परोजनाओं के लिए जरूरी जमीन की उपलब्धता के लिए सभी विकास प्राधिकरणों व जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है। बीमार इकाइयों की पहचान करते हुए उनकी उपयोगिता को लेकर नीति तैयार की जाएगी। इकाइयों की जमीन प्राइम लोकेशन पर होने की दशा में उनका उपयोग नयी परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने जीआईएस की सफलता के बाद सभी विभागों के अधिकारियों के साथ एमओयू के क्रियान्वयन को लेकर बुलायी गयी बैठक में कहा कि 3.90 लाख करोड़ रुपये 34 औद्योगिक प्रस्तावों पर दो वर्ष के भीतर काम शुरु हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अगले छह महीने के भीतर ही अगस्त में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन करेगी जहां ज्यादा से ज्यादा परियोजनाओं पर काम शुरु करने पर जोर होगा।
देश के बड़े उद्योग घरानों की ओर से 782 निवेश प्रसातव 4.11 लाख करोड़ रुपये के मिले हैं जिनका समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन शुरू कराया जाए। निवेशळकरत्ताओं से सतत संपर्क बनाए रखने और उनकी दिक्कतों के त्वरित समाधान पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर एमओयू की समय समय पर समीक्षा की जाए
निवेशकों की सुगमता के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र योजना के तहत उद्यमी मित्रों की जल्दी तैनाती की जाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर 10 तो विकास एवं औद्योगिक प्राधिकरणों में कम से कम 25 उद्यमी मित्रों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा हर जिले में कम से कम एक उद्यमी मित्र तैनात किया जाएगा।