गन्ना मूल्य घोषित करने, बकाया भुगतान और न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के किसान वैश्विक निवेशक सम्मेलन का विरोध करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने राजधानी लखनऊ में होने जा रहे सम्मेलन में भाग लेने वाले मेहमानों का रास्ता रोककर विरोध करने का ऐलान किया है।
भाकियू प्रवक्ता आलोक वर्मा ने मंगलवार को बताया कि गन्ना पेराई का सत्र शुरू हुए दो महीने से ज्यादा बीत चुका है पर प्रदेश सरकार ने अब तक इसका दाम घोषित नहीं किया है। इतना ही नहीं गन्ना का पिछला बकाया भी अब नहीं दिलाया गया है और न ही इस दिशा में कोई पहल की जा रही है।
किसानों की सौ फीसदी उपज को एमएसपी पर नहीं खरीदा जा रहा है। जबकि किसान आंदोलन खत्म करते समय केंद्र सरकार के कृषि सचिव ने लिख कर वादा किया था पर आज तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश व केंद्र की सरकार ने किसानों की आय 2022 में दोगुनी करने का वादा किया था पर आज तक सरकार की ओर से कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया कि आय कितनी हो गयी।
आलोक वर्मा ने कहा कि सरकार ने किसानों को मुफ्त बिजली का वादा किया पर उत्तर प्रदेश में सबसे महंगी बिजली है। उन्होंने मांग की कि पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में किसानों को मुफ्त बिजली दी जाए।
सरकार नलकूप पर मीटर लगाने को आमादा है, किसान खाद को लेकर परेशान हैं। किसानों आवारा पशुओं को लेकर आंदोलन किया पर सरकार ने ठोस समाधान नहीं निकाला।
उल्टा सरकार ने किसानों के कंटीले तारों पर प्रतिबंध लगाने के साथ उन पर मुकदमा लिखाने का प्रावधान कर दिया। किसानों की सवारी ट्रैक्टर के सड़कों पर चलने पर रोक लगा दी गयी है।
भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि 2015 से सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया और विकास प्राधिकरण से लेकर नगर निगम लखनऊ में किसानों की जमीन अधिग्रहीत कर रहे हैं। इन मांगों को लेकर किसान वैश्विक निवेशक सम्मेलन में जाने वाले मेहमानों का रास्ता रोकेंगे और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए विरोध दर्ज कराएंगे।