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Electoral bonds: इन 10 कंपनियों ने दिया है सबसे ज्यादा चंदा, जानिए क्या करती हैं काम?

Electoral bonds top 10 donors: चुनाव आयोग द्वारा पब्लिश किए गए डेटा से यह नहीं पता चलता है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को चंदा दिया है।

Last Updated- March 15, 2024 | 5:02 PM IST
इन पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड से नहीं मिला एक भी रुपये का चंदा, देखें पूरी लिस्ट, Electoral Bonds: These parties did not receive a single rupee donation from electoral bonds, see the complete list

Electoral bonds top 10 donors: चुनाव आयोग (EC) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (SC) के आदेश का पालन करते हुए SBI द्वारा उपलब्ध कराए गए चुनावी बॉन्ड के डेटा को अपनी वेबसाइट पर पब्लिश कर दिया। डेटा से संकेत मिलता है कि कंपनियों ने दिल खोलकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को चंदा दिया है। भाजपा को कुल 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिला है। हालांकि चुनाव आयोग द्वारा पब्लिश किए गए डेटा से यह नहीं पता चलता है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को चंदा दिया है।

चुनावी चंदे के टॉप 10 डोनर्स की लिस्ट

1) फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज – 1,368 करोड़ रुपये।
2) मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड – 966 करोड़ रुपये।
3) क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड – 410 करोड़ रुपये।
4) हल्दिया एनर्जी लिमिटेड – 377 करोड़ रुपये।
5) वेदांता लिमिटेड – 376 करोड़ रुपये।
6) एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड – 225 करोड़ रुपये।
7) वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड – 220 करोड़ रुपये।
8) भारती एयरटेल ग्रुप – 198 करोड़ रुपये।
9) केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड – 195 करोड़ रुपये।
10) एमकेजे एंटरप्राइजेज लिमिटेड – 192 करोड़ रुपये।

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आखिर क्या है टॉप 10 डोनर्स कंपनियों का काम-धंधा?

चुनावी चंदे का डेटा सामने आने के बाद कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। आपको यह जानकार हैरानी होगी की राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनियों की लिस्ट में अंबानी, अदाणी और न ही टाटा ग्रुप की किसी कंपनी का नाम है।

Future Gaming and Hotel Services

“लॉटरी किंग” के नाम से मशहूर सैंटियागो मार्टिन (Santiago Martin) की कंपनी, फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने अप्रैल 2019 से जनवरी 2024 के बीच 1,368 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज एक लॉटरी कंपनी है।

Megha Engineering & Infrastructures Ltd

मेघा इंजीनियरिंग (Megha Engineering) ने तीन सहयोगी कंपनियों के साथ 2019 और 2023 के बीच 1,200 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे और कंपनी सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनियों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर है। कंपनी ने नगर पालिकाओं के लिए छोटे पाइप बनाने के रूप में अपने धंधे की शुरुआत की थी।

Qwik Supply Chain Pvt Ltd

क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड एक लॉजिस्टिक और सप्लई चेन कंपनी है।

Haldia Energy Ltd

हल्दिया एनर्जी लिमिटेड आरपी-संजीव गोयनका समूह की एक कंपनी है। कंपनी थर्मल पावर प्लांट ऑपरेट करती है।

Vedanta Ltd

वेदांता देश की सबसे बड़ी माइनिंग कंपनी है।

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Essel Mining & Industries Ltd

एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी है। यह 1950 में स्थापित हुई थी। यह भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क खनन कंपनियों में से एक है और उत्कृष्ट फेरो मिश्र धातुओं का उत्पादक है।

Western UP Power Transmission Company Ltd

वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड बिजली सेक्टक से जुड़ी है। यह एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी है, जिसे कंपनी अधिनियम के तहत शेयरों द्वारा सीमित कंपनी के रूप में शामिल किया गया है। इसे गैर-सरकारी कंपनी के रूप में वर्गीकृत किया गया है और आरओसी-कानपुर में पंजीकृत है।

Bharti Group

भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में से एक है।

Keventer Foodpark Infra Ltd

केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड डेयरी प्रोडक्ट्स का बिजनेस करती है।

MKJ Enterprises Limited

एमकेजे एंटरप्राइजेज लिमिटेड की स्थापना 22 नवंबर, 1982 को मदनलाल एजेंसीज लिमिटेड के नाम से की गई थी। 4 जनवरी, 1990 को कंपनी का नाम बदलकर एमकेजे एंटरप्राइजेज लिमिटेड कर दिया गया। कंपनी भारत में स्टेनलेस स्टील कारोबार में अग्रणी है।

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SBI ने नहीं किया बॉन्ड नंबरों का खुलासा, SC ने लगाई फटकार

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर चुनाव आयोग को डेटा तो उपलब्ध करा दिया मगर बॉन्ड नंबरों का खुलासा नहीं किया। इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बैंक को कड़ी फटकार लगाई और नोटिस इश्यू किया है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि बैंक (SBI) को राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चुनावी बॉन्ड के यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों का खुलासा करना चाहिए था। CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच ने साथ ही ‘सीलबंद कवर’ को स्कैन और डिजिटाइज़ करने का निर्देश दिया है।

SBI के अनुसार, अप्रैल 2019 और फरवरी 2024 के बीच कुल 22,217 बॉन्ड खरीदे गए। हालांकि, चुनाव आयोग के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि बॉन्ड से संबंधित लेनदेन की अंतिम तिथि 11 जनवरी, 2024 थी। इस अवधि के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा 22,030 बॉन्ड भुनाए गए।

First Published - March 15, 2024 | 4:52 PM IST

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