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उत्तर प्रदेश के धरोहर स्थलों की साज-संवार एवं देखभाल का जिम्मा निजी हाथों में दिया जाएगा

लखनऊ का बटलर पैलेस, चित्रकूट की दशरथ घाटी, महोबा का खाकरा मठ व शांतिनाथ मंदिर और ललितपुर की रॉक कट गुफाओं सहित 27 स्मारकों व पौराणिक स्थल इसमें शामिल।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- March 20, 2025 | 9:48 PM IST

राजधानी लखनऊ के बटलर पैलेस,चित्रकूट की दशरथ घाटी, महोबा का खाकरा मठ व शांतिनाथ मंदिर और ललितपुर की रॉक कट गुफाओं सहित 27 स्मारकों व पौराणिक स्थलों को देखभाल व पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए निजी क्षेत्र को सौंपा जाएगा। एडॉप्ट ए हेरिटेज योजना के तहत इन स्थलों को निजी-सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) मॉडल पर विकसित किया जाएगा। निजी क्षेत्र इन स्मारकों की साज संवार के साथ यहां कैफेटेरिया खोलेंगे और पर्यटकों को लुभाने के लिए लाइट एंड साउंड शो का संचालन करेंगे। साथ ही इन ऐतिहासिक व पौराणिक स्थलों में पर्यटकों को वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी।

वर्तमान में ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व के ये स्थल राज्य पुरातत्व विभाग के आधीन है और सही देखभाल न हो पाने के चलते दयनीय हालात में हैं। इन स्थलों में से कुछ का उत्खनन अभी हाल ही में किया गया है तो कुछ 100 से 150 वर्ष पुराने हैं। राज्य सरकार की ओर से इस स्थलों को पीपीपी मॉडल पर दिए जाने संबंधी अधिसूचना जारी कर निजी कंपनियों, संस्थाओं के साथ ही व्यक्तियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। पुरातत्व विभाग के मुताबिक पीपीपी मोड में देने के बाद भी इन स्मारकों पर जनता का प्रवेश निशुल्क ही रहेगा। स्मारक परिसर में व्यावसायिक कार्य नहीं किए जाएंगे। साथ ही इन धरोहर स्थलों में अनुरक्षण का काम निजी कंपनियां या संस्थाएं नहीं करा सकेंगी। अनुश्रवण का काम पूर्व की भांति पुरातत्व विभाग ही कराएगा। स्मारकों के मूल स्वरूप में भी किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकेगा।

जिन धरोहर स्थलों का विकास पीपीपी मॉडल के जरिए किया जाना है उनमें शेर जमन खां मकबरा जौनपुर, प्रयागराज का गंगोली शिवाला, कर्दमेश्वर और गुरूधाम मंदिर वाराणसी, चित्रकूट का सोमनाथ मंदिर व दशरथ घाटी, महोबा का खाकरा मठ व शांतिनाथ मंदिर, रसिक बिहारी लालजी मंदिर फतेहपुर, सुमेरगढ़ मंदिर, रणछोर मंदिर और ललितपुर की प्राचीन बैठक शामिल हैं।

राज्य सरकार की ओर से जारी की गयी अधिसूचना के मुताबिक धरोहर स्थलों की देखरेख के लिए चयनित होने वाली कंपनियां, संस्थाएं अथवा व्यक्ति उन स्थानों पर साइनेज. पेयजल, बिजली, बैठने के स्थान, 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग, सोवेनियर शॉप के साथ कैफेटेरिया आदि की व्यवस्था करेंगे। इसके अलावा राजधानी लखनऊ के बटलर पैलेस में पिक्चर गैलरी, बुक कार्नर एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र तैयार किया जाएगा। बटलर पैलेस की झील को बोटिंग के साथ ही अन्य मनोरंजक गतिविधियों के लिए विकसित किया जाएगा।

First Published : March 20, 2025 | 9:46 PM IST